SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 258

बढ़ रहा है जनता में जनाक्रोश

नई दिल्ली [उमेश चतुर्वेदी]। महंगाई की आग के खिलाफ पाच जुलाई के भारत बंद पर कारपोरेट तरीके से मूल्याकन के जरिए भले ही लाख सवाल उठाए जा रहे हों, लेकिन यह सच है कि इस बंद ने महंगाई की आग से झुलस रहे अधिसंख्य भारतीयों के गुस्से और क्षोभ को ही अभिव्यक्ति दी है। इस क्षोभ और गुस्से का महत्व इसलिए कम नहीं हो जाता कि इससे तेरह हजार या बीस...

More »

विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें

जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...

More »

लोकतंत्र की थाली में समरसता परोस रही पंचायतें

सिरसा। इसमें संदेह नहीं कि वक्त का पहिया तेजी से घूमा है और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी कई परपराएं पीछे छूट गई है। लेकिन राजनीति के जमा-घटा के बीच पूर्वजों के जमाने का पंचायती राज फिर से उभरने लगा है। एक तथ्य साफ उभर कर आ रहा है कि कई पंचायतें लोकतंत्र की थाली में सामाजिक समरसता परोस रही है। सिरसा जिले में एक दर्जन से अधिक सरपंच सर्वसम्मति से चुने गए हैं। इसके अलावा...

More »

उड़ीसा में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस हमला बंद करो

अपने हस्ताक्षरों के साथ हम लोग उड़ीसा राज्य पुलिस द्वारा जगतसिंहपुर जिले में प्रस्तावित पोस्को स्टील परियोजना के विरोध में धरना दे रहे किसानों और मछुआरों के खिलाफ बिना किसी उकसावे के की गई फायरिंग और आग लगाए जाने की कड़ी निंदा करते हैं. ताजा रिपोर्टों के अनुसार धरनास्थल बालीतुथा गांव में आज 100 से अधिक लोग घायल हो गए और अनेक दुकानें और घर पुलिसकर्मियों ने जला दिए. इस अभियान में पुलिस की करीब 40...

More »

सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्‍त गिराये जाएंगे- अरुंधति रॉय

दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close