शिमला .हिल्स क्वीन शिमला सहित प्रदेश भर में पिछले तीन माह से जारी सूखे का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बारिश के लिए तरस रहे बागबान और किसान मौसम के मिजाज को देखकर चिंतित होने लगे हैं। बारिश की कमी से सूखी पड़ चुकी जमीन पर बुआई करने में परेशानी आ रही है जबकि सेब के पौधों के तौलिए बनाने का काम भी लटकने लगा है। इन दिनों...
More »SEARCH RESULT
आज के लिए दांव पर कल : केविन रैफर्टी
दुनिया के लिए यह एक चुनौती भरा समय है। आम जनता महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रही है और व्यवसाय जगत करों की ऊंची दरों और मांग में आई कमी से संघर्ष कर रहा है, क्योंकि उपभोक्ता खर्च करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। वैश्विक बाजार किसी रोलरकोस्टर पर सवार होकर एक संकट से दूसरे संकट तक की यात्रा कर रहा है। यूनान, इटली, यूरो संकट, बलरुस्कोनी का...
More »'किशनजी की मौत बड़ी क्षति, पर जारी रहेगा आंदोलन'
नक्सली विचारक पी वरवारा राव ने शीर्ष नक्सली नेता किशनजी की मौत को एक बड़ी क्षति बताते हुए कहा कि नक्सली आंदोलन इससे अप्रभावित रहेगा, क्योंकि उन्होंने उनकी जगह लेने के लिए कई नेता तैयार कर दिए थे। राव ने आंध्र प्रदेश से फोन पर कहा, ''यह एक बड़ी क्षति है। वह नक्सली आंदोलन को खड़ा करने वाले एक बड़े नेता थे। उन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया था।'' उन्होंने कहा, ''नक्सल आंदोलन...
More »पशुधन का कुपोषण से क्या रिश्ता है ?
हम जानते हैं कि कुपोषण का बोझ देश के जमीर और जेब दोनों पर भारी है।हम यह भी जानते हैं कि बाल-कुपोषण से छुटकारा पाना बड़े साहस और धैर्य की मांग करता है। लेकिन कुपोषण से छुटकारा पाने की स्थिति में जो आर्थिक फायदे होंगे- क्या हमें उन फायदों के बारे में पता है? एफएओ की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत बाल-कुपोषण को खत्म करके अपनी आय में 28 अरब अमेरिकी डॉलर का इजाफा कर सकता है।यह बड़े आर्थिक...
More »महंगाई की आग- परंजय गुहाठाकुरता
महंगाई की समस्या आज विकराल होती जा रही है, तो इसके लिए सरकार और उसकी नीतियां ही जिम्मेदार हैं। हमारे अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री का लोहा दुनिया मानती है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तक कह चुके हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकालने में मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियां मददगार साबित हो सकती हैं। लेकिन विडंबना देखिए कि वही मनमोहन सिंह अपनी अर्थव्यवस्था को मंदी के भंवर से बाहर निकालने में...
More »