बीते शनिवार को मशहूर दलित लेखक और एक्टिविस्ट कांचा इलैया को हैदराबाद के उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। आंध्र और तेलंगाना पुलिस ने सुरक्षात्मक वजहों से यह नजरबंदी की, ताकि इलैया को अभिव्यक्ति की आजादी विषय पर विजयवाड़ा में भाषण देने जाने से रोका जा सके। अपने लेखन से धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए कांचा इलैया को जान से मारने की कई धमकियां मिल चुकी हैं। इलैया...
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प्रदूषण के बड़े कारक-- देवेन्द्र जोशी
प्रदूषण आज किसी एक देश की नहीं बल्कि विश्वव्यापी समस्या है। दुनिया के बीस सबसे प्रदूषित शहरों में तेरह भारत में हैं। भारत में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण राजधानी दिल्ली में है। दिल्ली में सांस के रोगियों और इससे मरने के मामले सर्वाधिक हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण के कारणों में एक दिवाली पर पटाखों की बिक्री पर रोक भी लगाई थी। इसका असर पड़ा तो लेकिन...
More »सस्ते आयात से दुश्चक्र में किसान-- रमेश कुमार दूबे
हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आइएफपीआरआइ) के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत पिछले साल की तुलना में तीन पायदान नीचे लुढ़क कर सौवें स्थान पर पहुंच गया। रिपोर्ट में इसके लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मध्यान्ह भोजन योजना में भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया गया है लेकिन यह नहीं बताया गया है कि सस्ते आयात के कारण खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है। गौरतलब है...
More »ऑटोमेशन से बदलेगी भारत में खेती की तस्वीर
विकसित देशों के मुकाबले भारत में अधिकतर फसलों की पैदावार प्रति एकड़ काफी कम है. इसका एक बड़ा कारण खेती में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल अब तक बहुत कम होना है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय कृषि क्षेत्र में यदि आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाये, तो फसलों की पैदावार में व्यापक पैमाने पर बढ़ोतरी हो सकती है. सेंसर, अॉटोमेशन और इंजीनियरिंग की अनेक विधाओं का इस्तेमाल करते...
More »भूख नहीं जानती सब्र-- संजीव पांडेय
दुष्यंत कुमार का शेर है : भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ। आजकल संसद में है जेरे-बहस ये मुद्दआ। शायर इसमें हुक्मरानों की खिल्ली उड़ा रहा है क्योंकि वह जानता है कि भूख सब्र नहीं जानती। इसके बावजूद हमारी व्यवस्था गरीबों का इम्तहान लेती रहती है। महज कुछ दिनों के अंतर पर ही झारखंड में भूख से तीन मौतें हुर्इं; उस राज्य में जो खनिज संसाधनों...
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