गुजरात के सुप्रसिद्ध लोक साहित्यकार स्वर्गीय झवेरचंद मेघाणी ने आजादी के कुछ ही वर्ष पूर्व सौराष्ट्र की लोक कथाओं में अनेक नदियों में आई बाढ़ का उल्लेख किया है. आज वही सौराष्ट्र पिछले कुछ समय से अकाल ग्रस्त और सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित होने लगा है. आजादी के 50 वर्ष में ही गुजरात की छोटी-बड़ी सभी नदियां सूख गईं और कृषि प्रधान गुजरात अब सूखाग्रस्त गुजरात हो गया. कभी सागर के नाम से...
More »SEARCH RESULT
गैर सहायता प्राप्त स्कूल मध्याह्न भोजन योजना के दायरे में
नयी दिल्ली : कुछ समय पूर्व बिहार में हुई मध्याह्न भोजन त्रासदी और कई अन्य स्थानों पर खाना खाने से बच्चों के बीमार पड़ने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस योजना को चाकचौबंद बनाने के साथ ही इसके दायरे में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक बहुल जिलों में निजी तौर चलाये जा रहे गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को भी लाने को मंजूरी दी है. मानव संसाधन...
More »निजी क्षेत्र में गोदाम बनाने के लिए नाबार्ड की नई योजना
पुणे। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने निजी क्षेत्र में कृषि उपज के लिए भंडारण सुविधाएं खड़ी करने के वास्ते नई ऋण योजना शुरू की है। महाराष्ट्र में इस ऋण सुविधा का काफी फायदा मिलने की संभावना है। नाबार्ड की इस नई ऋण योजना के तहत निजी क्षेत्र में गोदाम बनाने के लिए कर्ज दिया जाएगा। नई ऋण योजना के तहत नाबार्ड सीधे जनता को अथवा निजी क्षेत्र के...
More »गरीबों के लिए आटा एक रुपये किलों करने का ऐलान
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने राज्य सरकार की आटा दाल स्कीम के तहत गरीबों को गेहूं चार रुपये के बजाय एक रुपया प्रति किलो देने की शुक्रवार को घोषणा की। उन्होंने महर्षि बाल्मीकि जयंती के मौके पर इस स्कीम की घोषणा करते हुये कहा कि इससे गरीब परिवारों को लाभ होगा। आटा अब एक रुपये किलो करने और परिवारों की संख्या दुगुनी करके तीस लाख करने का ऐलान...
More »चक्रवात के शेष प्रश्न
बेशक ओडिशा और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके में “ राहत और बचाव कार्य के मामले में एक चमत्कार हुआ है ” लेकिन आपदा-प्रभावितों के पुनर्वास की चुनौती भी समान रुप से महत्वपूर्ण है। क्या निकट भविष्य में, ओडिशा, झारखंड और बिहार के लिए चक्रवात से हुए नुकसान की भरपाई कर पाना संभव होगा?( इन राज्यों में हुए नुकसान के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) तथ्यों का संकेत है कि- ‘नहीं’।...
More »