भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...
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वैश्विक खाद्यान्न उत्पादन- मौजूदा हालात
एफएओ का कहना है कि साल 2010-2011 में अनाज के उत्पादन में रिकार्ड बढ़त( 2279.5 ) होने की संभावना है लेकिन बुरी खबर यह है कि सूखे की मार झेल रहे रूस में इस साल गेहूं के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन एक करोड़ ३० लाख टन कमी आने की आशंका है। साल 2008-09 में रूस में 63.7 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जबकि इस साल आशंका है...
More »एक सामान, दो टेंडर, कीमत दस गुनी
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सामान वही, सप्लायर वही, ग्राहक भी वही लेकिन टेंडर बदलने से दाम हुए दस गुना से भी ज्यादा। स्टेडियमों को सजाने की असलियत यही है। सीपीडब्ल्यूडी और डीडीए जैसी एजेंसियां जो सामान एक रुपये में खरीद रही थीं खेलों की आयोजन समिति टेंडर बदलकर उसी सामान की कीमत दस गुना से ज्यादा देने को तैयार हो गई। इन एजेंसियों के टेंडर रहस्यमय ढंग से बंद पड़े...
More »सूखे से निपटने के लिए कृषि विभाग तैयार
भुवनेश्वर। राज्य में इस साल अनियमित बारिश के चलते किसानों द्वारा रुपाई किए धान और चारा में अंकुर होने की सूचना सरकार को अब तक नहीं मिली है। अगर ऐसी जानकारी मिलती है तो कृषि विभाग के पास इससे निपटने के लिए भरपूर चारा मौजूद रखे जाने की सूचना कृषि मंत्री ड.दामोदर राउत ने दी है। विधानसभा में आज प्रश्नोत्तर काल के दौरान विधायक प्रभात रंजन विश्वाल के मूल...
More »उत्तराखंड की कृषि विकास दर ऋणात्मक
देहरादून। वर्ष 2008-09 में उत्तराखंड की कृषि विकास दर ऋणात्मक रही है। इसकी प्रमुख वजह सूखा और तकनीकी सुधार में खामी को बताया जा रहा है। आने वाले दो वर्षो में वर्षा की स्थिति पर राज्य की कृषि विकास दर निर्भर करेगी। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के मध्यवर्ती मूल्यांकन में ये तथ्य सामने आए हैं। मूल्यांकन में बताया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर दसवीं पंचवर्षीय योजना में कृषि के...
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