नई दिल्ली। क्या आप कूड़े का एटम बम फूटने का इंतजार कर रहे हैं? सफाई को लेकर लापरवाही बरत रहीं सरकारी एजेंसियों पर यह तल्ख टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई के दौरान की। सर्वोच्च अदालत ने कहा, राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्वच्छता को लेकर चल रहे राष्ट्रीय अभियान को गंभीरता से नहीं ले रहे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को छोड़कर किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की ओर...
More »SEARCH RESULT
आधी-अधूरी स्वायत्तता से साख को आंच -- विश्वनाथ सचदेव
वर्ष 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, उनके पुत्र राजीव गांधी बंगाल में किसी दूरदराज इलाके में थे। जब उन्हें यह सूचना मिली तो कहते हैं कि उन्होंने तत्काल रेडियो बीबीसी लगाकर सूचना की पुष्टि की थी। इस बात को बीबीसी की विश्वसनीयता के एक उदाहरण के रूप में याद किया जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि विश्वसनीयता के संदर्भ में लंबे अर्से तक बीबीसी द्वारा...
More »सिर्फ नियमों से नहीं लगेगी लगाम-- नीलंजन राजाध्यक्ष
भारतीय बैंकिंग की एक बुनियादी समस्या है, अनुचित इन्सेंटिव यानी प्रोत्साहन राशि। नीरव मोदी मामले के खुलासे के बाद हम बेशक वर्षों से कर्ज बांटने की खराब परिपाटी के कारण बैंकों की साख पर बन आए संकट पर अपना ध्यान केंद्रित करें, पर इन्सेंटिव पर भी कहीं अधिक गौर करने की जरूरत है। इस इन्सेंटिव समस्या को अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, शॉन कोल और एस्थेर डूफ्लो ने एक शोध पत्र में बखूबी...
More »वित्त मंत्रालय का बैंकों को आदेश- 50 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लेने वालों के पासपोर्ट का लें पूरा ब्योरा
पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी के सामने आने के बाद सरकार बैंकों का लेकर देश से बाहर भागने के मामलों की रोकथाम के लिए कर्ज के नियमों को सख्त कर रही है। वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को45 दिनों के भीतर ऐसे उन सभी कर्जदारों का पासपोर्ट का ब्योरा लेने को कहा है जिन्होंने50 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज ले रखा है। इस पहल का मकसद धोखाधड़ी करने...
More »बैंकिंग घोटाला : 121 अरब रुपए के फ्रॉड, वसूली हुई 7.5 अरब
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की सांठगांठ ने देश के बैंकिंग सेक्टर को कितना बड़ा झटका दिया है, इसे समझने के लिए आप बस एक आंकड़े पर ध्यान दीजिए। अभी तक आधिकारिक तौर पर जो बताया गया है कि उसके मुताबिक इन दो लोगों ने पीएनबी को 12,700 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में देश के सारे बैंकों...
More »