रायपुर.प्रदेशवासियों के लिए यह खुशखबरी हो सकती है। विलुप्त हो रही विशेष पिछड़ी जनजातियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आदिवासी विकास मंत्रणा परिषद की बैठक में मंगलवार को इसका खुलासा किया गया। धमतरी, फिंगेश्वर, कवर्धा, बिलासपुर आदि इलाकों में सर्वे के दौरान विशेष पिछड़ी जनजातियों कमार, बिरहोर, बैगा आदि की नई बसाहटें मिलने की बात भी पता चली है। बैठक में सर्वे...
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गरीबी से तंग आकर बच्चों को आश्रम में छोड़ा
जागरण ब्यूरो, भोपाल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के कोरकू आदिवासी दुकाली ने गरीबी से तंग आकर अपने दो बच्चों को सारणी के एक आश्रम को दान कर दिया है। भोपाल से सटे हुए बैतूल आदिवासी अंचल की इस घटना ने केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की कलई खोलकर रख दी है। यह घटना उस वक्त हुई जब राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों में भारतीय जनता पार्टी का...
More »हर साल 40 हजार लड़कियां जाती हैं बाहर
रांची : ट्रैफिकिंग के खिलाफ काम करनेवाली विभिन्न संस्थाओं का अनुमान है कि झारखंड से हर वर्ष 40 हजार लड़कियां काम की तलाश में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित देश के अन्य राज्यों में जाती हैं. इनमें ज्यादातर लड़कियां कुछ महीने बाद अपने घर लौट आती हैं. लेकिन, 12 प्रतिशत लड़कियां ऐसी होती हैं, जो कभी घर नहीं लौट पाती. अनुमान है कि इन लड़कियों को मसाज सेंटरों और वेश्यालयों में...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »बच्चों की कब्रगाह है मेलघाट-शिरीष खरे
विदर्भ को देश भर में किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रुप में जाना जाता है लेकिन इसी इलाके में सतपुड़ा पर्वत में बसी मेलघाट की पहाड़ियों में छोटे बच्चों की मौत के आंकड़े पहाड़ियों से ऊंचे होते चले जा रहे हैं. साल दर साल कोरकू आदिवासियों के हजारों बच्चे असमय काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं. कुपोषण मेलघाट में 1993 को पहली बार कुपोषण से बच्चों के मरने...
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