देश में सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना (एसइसीसी) के अलग-अलग पहलुओं पर बहस चल रही है। कुछ जानकार इस तथ्य की तरफ इशारा कर रहे हैं कि इस जनगणना ने भारतीय अर्थव्यवस्था के कई स्याह हिस्सों पर रोशनी डाली है। विकास के कोलाहल में स्याह हिस्सों को कोई भी सरकार नहीं देखना चाहती। चाहे वह कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार रही हो, जिसने इस जनगणना के आंकड़ों को जानबूझ कर...
More »SEARCH RESULT
किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार
जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
More »मूडीज ने सूखे की आशंका से जोड़ी भारत की रेटिंग
नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारती की रेटिंग को सूखे की आशंका से जोड़ दिया है। उसका कहना है कि भारत इस साल सूखे की चपेट से बच सकता है। लेकिन, भविष्य में सूखा पड़ने या बारिश में कमी की आशंका से देश के सॉवरेन क्रेडिट पर दबाव बन सकता है। मूडीज का मानना है कि भारत में मानसून की चिंता एक हद तक कम हो गई है, लेकिन...
More »प्रदेश में अब गरीबों के अमृत नमक में भी कटौती
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब परिवारों को रियायती दर पर मिलने वाले अनाज व केरोसीन के बाद अब निःशुल्क नमक पर भी कैंची चला दी है। राज्य के गैर-अनुसूचित विकासखंडों में हर महीने प्रति परिवार अब एक किलोग्राम के हिसाब से नमक दिया जाएगा। जबकि अनुसूचित विकासखंडों में पहले की तरह ही हर महीने प्रति परिवार दो किलो नमक दिया जाएगा। खाद्य विभाग ने इसके लिए छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा...
More »जनगणना से मिलते संकेत- अरविन्द मोहन
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जिस तरह जनगणना के जातिवार आंकड़ों के बारे में तत्काल सफाई दी और उसे लगभग ठंडे बस्ते में डाल दिया, उसके पीछे बड़ा कारण बिहार विधानसभा का चुनाव था। अब बिहार में जातिवार जनगणना के आंकड़ों की मांग बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है। कई लोग यह भी कहने लगे हैं कि जरूरी नहीं कि जातिवार आंकड़ों की मांग लालू-नीतीश की जोड़ी को फायदा पहुंचाए और...
More »