गोवा सरकार के हाल के एक फैसले ने प्रदेश की राजनीति गरमा दी है। गोवा सरकार ने नारियल के पेड़ को ‘पेड़' मानने से इनकार कर दिया है और इससे नारियल के पेड़ों को काटने का रास्ता साफ हो गया है। इस फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली गठबंधन सरकार की आलोचना होने लगी है। विपक्ष के साथ ही पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के इस फैसले...
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पर्यावरण बचाने महिलाओं की पहल, छत पर जैविक खेती की तैयारी
संदीप तिवारी, रायपुर(छत्तीसगढ़)। परिवार को केमिकलमुुक्त साग-सब्जियां और फल खाने के लिए मिलें, पर्यावरण में सुधार हो, शुद्ध , ताजी, पौष्टिक और मौसमी सब्जियां घर में ही उपलब्ध होने से बीमारियां दूर हों और शुद्ध एवं ताजी हवा मिले। इस मकसद से राज्य की विभिन्न् महिला स्व सहायता समूह की दो लाख से अधिक महिलाओं ने घर की छत पर जैविक खेती करने के लिए बीड़ा उठाया है। इसके लिए इंदिरा...
More »विकास के किफायती मॉडल की ओर - जयंत सिन्हा
सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत प्रगति की मशाल थामने और दुनिया के विकास में मुख्य भागीदार बनने को तैयार है। अगले दशक में सकल आर्थिक विकास की दृष्टि से भारत लगभग चीन जितनी और अमेरिका से लगभग दोगुनी भागीदारी करने वाला है। भारतीयों के लिए भारत में तैयार उत्पाद और सेवाओं का उपयोग पूरी विकासशील दुनिया में किया जाने वाला है। इसलिए भारत का किफायती विकास मॉडल न सिर्फ मात्रात्मक...
More »पशुओं को बीमार और बांझ बना रही है हरे चारे की कमी-- उपेन्द्र पांडेय
हरियाणा पंजाब के पशुओं की कमजोरी और उनके विकास में एक बड़ी बाधा लौह तत्व की कमी के रूप में उभर कर आई है। लौह तत्व की कमी मतलब खून की कमी या चिकित्सको की भाषा में एनीमिया। दुधारू पशुओं में बार बार प्रयास के बावजूद गर्भाधान न हो पाने से लेकर उनके विकास, ताकत और रोगों से लड़ने की क्षमता आदि कमी है। इसके लिए पशुओं के खानपान में...
More »चौधराहट के जुगाड़ में बदलते लोग--- विजय विद्रोही
हरियाणा में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इस उम्मीद में उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय की गई है कि इससे पढे़-लिखे लोग ही चुनाव में उतरेंगे और जन-प्रतिनिधि बनेंगे। इस नियम ने सरपंची की चाह रखने वाले कई लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। हर जगह तरह-तरह से इसके तोड़ निकाले जा रहे हैं। इसके चलते समाज में ऐसे बदलाव होते भी दिख रहे हैं,...
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