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गंगा को 956 फैक्ट्रियों ने किया मैला

aयूपी की 956 फैक्ट्रियां अपना औद्योगिक कचरा सीधे गंगा में छोड़ रही हैं जिससे नदी का जल प्रदूषित हो रहा है। यह हकीकत यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की जांच में सामने आई। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद यूपीपीसीबी ने इन फैक्ट्रियों को नोटिस भेजकर ट्रिब्यूनल में पेश होने को कहा है। एनजीटी ने केंद्रीय व यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन...

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मलेथा ने एक बार फिर सबको राह दिखाई- अनिल प्रकाश जोशी

माधोसिंह भंडारी ने कभी नहीं सोचा था कि वह जिस गांव में पानी लाने के लिए अपना जीवन लगा देगा और अपने पुत्र की बलि भी दे देगा, सरकार उसी गांव को प्रदूषण की बलि चढ़ा देगी। सोलहवीं शताब्दी में उत्तराखंड के गांव मलेथा में माधोसिंह भंडारी ने एक ऐसा इतिहास रचा, जो हर सदी में याद किया जाएगा। यह गांव कुछ भी पैदा करने में असमर्थ था, क्योंकि यहां...

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गंगा पुनरुद्घार का कार्य उत्तराखंड से होगा शुरु : उमा भारती

देहरादून : गंगा पुनरुद्घार के काम को उसके उदगम स्थल उत्तराखंड से शुरु किया जाएगा. इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने किया. उमा ने कहा कि इस मिशन को केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से ही पूरा किया जा सकता है. उत्तराखंड सरकार ने इस मिशन के तहत विभिन्न कार्यों के लिये केंद्र सरकार को 9478 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पेश किया. एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, अपने दो...

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जम्मू-कश्मीर : झेलम-चनाब का शोर और जल आयोग की चुप्पी

देश भर में बाढ़ की स्थिति का पूर्वानुमान लगाने और राज्यों को इस बारे में आगाह करने की जिम्मेवारी संभालने वाला केंद्रीय जल आयोग क्या जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ के मामले में अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है ? पर्यावरण और प्राकृतिक आपदा के मुद्दे को लेकर सक्रिय स्वयंसेवी संस्था साऊथ एशिया नेटवर्क ऑन डैमस्, रिवर्स एंड पीप'ल का कहना है कि केंद्रीय जल आयोग की तरफ से जम्मू-कश्मीर राज्य...

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छत्तीसगढ़ में फिर लहलहाएगी दुबराज, विष्णुभोग की फसल

दिलीप साहू, रायपुर। दो दशक पहले तक छत्तीसगढ़ की पहचान रहे दुबराज, जवाफूल, बादशाह भोग, विष्णु भोग, चिन्नौर जैसे सुगंधित धान अब विलुप्ति के कगार पर हैं। हाईब्रीड व अधिक उपज देने वाली स्वर्णा, एमटीयू 1010 जैसी किस्मों के विस्तार के साथ परंपरागत क्षेत्रीय सुगंधित धान की किस्में गांवों से ज्यादातर समाप्त हो चुकी हैं। विलुप्त होते ऐसे पारंपरिक सुगंधित धान की 30 से अधिक वेराइटी को फिर से सहेजने...

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