क्या हम जो खा रहे हैं उसे दिल्ली से अगवा बच्चे आस-पास के इलाकों में बंधुआ मजदूर बनकर उगा रहे हैं? प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. दिल्ली में जहांगीरपुरी की एक झुग्गी बस्ती में रहने वाला 14 साल का महेंद्र सिंह सात अगस्त, 2008 की सुबह रोज की तरह घर से शौच के लिए निकला था. इसके बाद उसका कुछ पता नहीं चला. घरवालों ने उसे तलाशने की न जाने...
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उत्तर प्रदेश में फिर सड़कों पर उतरे गन्ना किसान, कई जगह प्रदर्शन
अंबरीश कुमार लखनऊ, 12 जुलाई। उत्तर प्रदेश में किसान फिर सड़कों पर उतरने लगे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर धरना प्रदर्शन के साथ लाठी-गोली से प्रतिकार शुरू हो गया है। राज्य में चीनी मिलों पर किसानों के करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए बकाया हैं, जिसमे ज्यादातर बकाया निजी क्षेत्र की दर्जन भर चीनी मिलों पर है, तो बाकी सहकारी क्षेत्र की मिलों पर। मुजफ्फरनगर में बकाया गन्ना मूल्य...
More »गंगा के गुनहगार- स्वामी आनंदस्वरुप
जनसत्ता 12 जुलाई, 2012: गंगा का नाम लेने मात्र से पवित्रता का बोध होता है। यह देश की एकता और अखंडता का माध्यम और भारत की जीवन रेखा के अतिरिक्त और बहुत कुछ है। गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी दोनों है। आज भी लगभग तीस करोड़ लोगों की जीविका का माध्यम है। मगर पिछली डेढ़ सदी से गंगा पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं और हमें जरा भी अपराध-बोध नहीं...
More »बयान को तोड मरोड कर पेश करने से चिदंबरम क्षुब्ध
नयी दिल्ली, 11 जुलाई (एजेंसी) केन्रदीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अपने बयान को मीडिया में कथित रूप से जानबूझ कर तोड मरोड कर पेश करने पर आज क्षोभ और नाराजगी व्यक्त की। चिदंबरम के हवाले से मीडिया में खबरें आयी थीं कि जनता आइसक्रीम के लिए 20 रूपये देने को राजी है लेकिन गेहूं चावल की कीमत में एक रूपये की बढोतरी का विरोध करती है । गृह मंत्रालय ने एक बयान...
More »सिर्फ कागजों में पुख्ता है खाद्यान्न भंडारण
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अनाज भंडारण की कमी और बंपर बर्बादी की आशंकाओं पर चौतरफा आलोचना झेल रहे केंद्र ने अब राज्यों से मदद की गुहार लगाई है। खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने राज्यों से एकमुश्त छह महीने का राशन का अनाज उठा लेने का आग्रह किया है। सरकारी बहीखातों में खाद्यान्न भंडारण का प्रबंधन पुख्ता जरूर है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कहीं दूर है। कागजी बंदोबस्त में भी...
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