पिछले वर्ष सर्दियों में मैंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के एक दलित गांव का दौरा किया। यह गांव सागरी तहसील के मालतरी से थोड़ी ही दूर पर बसा है। यहां की एक महिला की दास्तान सुनकर हम दंग रह गए। दरअसल वह अपनी बेटी का दाखिला पास के एक हाई स्कूल में छठी कक्षा में कराना चाहती थी, पर स्कूल प्रबंधन ने इन्कार कर दिया। वजह, लड़की अपना नाम...
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आठ फीसदी स्कूलों में ही शिक्षा का अधिकार- पुष्यमित्र
दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ते वक्त आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में उल्लेख किया था कि दिल्ली में इस वक्त महज 2674 स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें राज्य के तकरीबन 24 लाख बच्चे पढ़ते हैं. वे अगर सरकार बनाते हैं तो कम से कम 500 स्कूल और खोलेंगे. आम आदमी पार्टी में आम तौर पर प्रबुद्ध, समाजसेवी और शिक्षा से जुड़े लोगों का प्रभाव माना जाता है, मगर फिर...
More »शिक्षा का अधिकार कानून संवैधानिक: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून की संवैधानिकता को वैध ठहराया। इस कानून के तहत सभी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिये 25 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। प्रधान न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस कानून को संवैधानिक घोषित करते हुये कहा कि यह सहायता प्राप्त या गैरसहायता अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू नहीं होगा। संविधान...
More »'लिकेज रोकने में पंचायतों की हो सकती है अहम भूमिका' - डा. हरिश्वर दयाल
अर्थशास्त्री व श्रमिक अर्थव्यवस्था के जानकार डॉ हरिश्वर दयाल गांव के लिये शुरू किये गये कार्यक्रमों-योजनाओं के समुचित लाभ नहीं मिलने के लिए लिकेज को जिम्मेवार मानते हैं. उनका मानना है कि इसे दुरुस्त कर इसके लाभ को और प्रभावशाली बना सकते हैं. नौकरशाही की अस्थिरता को भी विकास के लिए नुकसानदायक मानते हैं. वे मानते हैं कि सामाजिक योजनाओं ने गांव के लोगों को आवाज दी है और जिसकी...
More »'लिकेज रोकने में पंचायतों की हो सकती है अहम भूमिका' - डा. हरिश्वर दयाल
अर्थशास्त्री व श्रमिक अर्थव्यवस्था के जानकार डॉ हरिश्वर दयाल गांव के लिये शुरू किये गये कार्यक्रमों-योजनाओं के समुचित लाभ नहीं मिलने के लिए लिकेज को जिम्मेवार मानते हैं. उनका मानना है कि इसे दुरुस्त कर इसके लाभ को और प्रभावशाली बना सकते हैं. नौकरशाही की अस्थिरता को भी विकास के लिए नुकसानदायक मानते हैं. वे मानते हैं कि सामाजिक योजनाओं ने गांव के लोगों को आवाज दी है और जिसकी आवाज जितनी तेज होगी, उसे उतना पहले हक...
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