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यूपी: 'लव जिहाद' के शोर में बेज़ुबान हो गई पिंकी-राशिद की कहानी

-बीबीसी, घर के बाहर जिस चीज़ पर आपकी नज़र सबसे पहले जाती है वह है एक मुड़ा हुआ पेड़, जो ठूंठ खड़ा है. पेड़ की डालियां झुककर दरवाजों और छतों तक पसर गई हैं. यहां दो घर हैं और दोनों घरों की खिड़कियां लगभग जुड़ी हुई हैं. इनमें से एक घर राशिद के अब्बा मोहम्मद रज़ा अली का है. कुछ वक्त पहले इस घर की एक युवा महिला अपने पति का इंतजार कर...

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उत्तराखंड आपदा: जिन्होंने पावर प्रोजेक्ट्स का विरोध किया वही मलबे के नीचे दबे

-न्यूजलॉन्ड्री, आपदा स्थल से लगे रेणी गांव के प्रेमसिंह की मां और पत्नी दोनों रविवार को नदी किनारे खेतों में काम कर रहे थे. सवेरे साढ़े नौ बजे के आसपास अचानक विस्फोट की आवाज़ हुई. प्रेम सिंह की पत्नी गोदाम्बरी कहती हैं कि उन्हें लगा जैसे आसमान टूट पड़ा है. उफनती नदी और पत्थरों को आते देख वह भागीं लेकिन उनकी सास (प्रेम सिंह की मां) को ऋषिगंगा का वह सैलाब...

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आवरण कथा/ महिला किसान : खेत-खलिहान की गुमनाम बेटियां

-आउटलुक, “‘किसान’ की आम छवि में नदारद, अर्थशास्त्रियों की गणना से बाहर, जमीन के कागजात में गैर-मौजूद हमारी खेती-किसानी की अदृश्य आधी आबादी पर किसान आंदोलन से पड़ी रोशनी” यह भारत का एक बेहद शर्मनाक रहस्य है। भारत का ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व का। जिस 'औपचारिक' अर्थव्यवस्था की हम अक्सर चर्चा करते हैं, जहां लोग परिश्रम करते हैं और उनके परिश्रम के फल को आंकड़ों और ग्राफ में दर्शाया जाता है,...

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तीन-चौथाई जरूरतमंद परिवारों को सितम्बर 2020 में नहीं मिला मुफ्त राशन: सर्वे

-डाउन टू अर्थ, सितम्बर 2020 में तीन-चौथाई जरूरतमंद गरीब परिवारों को मुफ्त राशन नहीं मिला था, जबकि वो उसके पात्र थे। यह जानकारी अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी द्वारा किए सर्वेक्षण में सामने आई है। यही नहीं सर्वे के मुताबिक जन धन खाताधारकों में से 30 फीसदी पात्र खाताधारकों को उनके खाते में सहायता राशि नहीं मिली है। लॉकडाउन के बाद देश में रोजगार की स्थिति को समझने के लिए अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी ने...

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भारत में महिलाओं के घरेलू कामकाज का मेहनताना अगर होता तो कितना?

-बीबीसी, हाल में ही एक फ़िल्म स्टार की लॉन्च की गई राजनीतिक पार्टी ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती है तो घर-गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को वेतन दिया जाएगा. एक क़द्दावर सांसद ने भी इस आइडिया का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को उनकी सेवाओं के लिए पैसे देने से उनकी ताक़त और स्वायत्तता बढ़ेगी और इससे एक यूनिवर्सल बेसिक इनकम पैदा...

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