भारतीय सेना से रिटायर्ड हजारीबाग के रहने वाले एक कर्नल ने जल प्रबंधन के लिए देसी पंप ईजाद किया है। यह एक ऐसा एरीगेशन सिस्टम है जिसमें बिना बिजली, डीजल, केरोसिन, पेट्रोल आदि ईंधन के पानी को पाइप के जरिये ऊपर पहुंचाया जाता है। जल प्रबंधन में कर्नल की इस नवीन खोज पर केंद्रित उमेश यादव की रिपोर्ट। पानी का संकट, महंगे पेट्रोल-डीजल और राज्य में बिजली की बदतर स्थिति झारखंड...
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आठ साल में आदिवासी विकास पर खर्च हुए 52,848 करोड़
रांची: झारखंड सरकार ने 2006-07 के बाद से लेकर 2013-14 तक आठ वर्षो में आदिवासियों के विकास के लिए 52,848 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. योजना एवं विकास विभाग की ओर से जारी किये गये आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले आठ वर्षो में जनजातीय उप योजना (टीएसपी) के 14 जिलों और अनुसूचित जाति विशेष अंगीभूत योजना (एससीएसपी) के तहत कुल 77077.75 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया था, इसमें...
More »सरकारी स्कूल की हालत ट्रांसपोर्ट की गाड़ी जैसी
पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षा की सरकारी व्यवस्था के बारे में रविवार को साफ-साफ और बेबाक अंदाज में बात की. मुख्यमंत्री ने कहा, सरकारी स्कूलों का हाल ठीक सरकार के ट्रांसपोर्ट की उस गाड़ी की तरह हो गयी है, जिसके एक साल चलते-चलते टायर व पार्ट्स तक बिक जाते हैं. वहीं, प्राइवेट स्कूलों का विकास प्राइवेट बस की तरह हो रहा है. एक साल में एक बस...
More »कम नहीं हो पा रहा कुपोषण- संदीप कुमार
सरकार का दावा है कि लोगों में कुपोषण घटा है. नेशनल सैंपल सर्वे आर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) की 66वीं अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि दो तिहाई लोग पोषण के सामान्य मानक से कम खुराक ले पा रहे हैं. योजना आयोग का मानना है कि हर ग्रामीण को न्यूनतम 2400 किलो कैलोरी व हर शहरी को न्यूनतम 2100 किलो कैलोरी का आहार मिलना चाहिए. जमीनी हकीकत क्या है, यह भी सरकारी...
More »वे जो आत्महत्या करते हैं..!
गैर-शादीशुदा लोगों में आत्महत्या की प्रवृति विवाहितों की तुलना में ज्यादा होती है - प्रसिद्ध किताब ‘स्यूसाइड’ में एमिल दुर्खाईम का एक निष्कर्ष यह भी था। आत्महत्या का आधार सामाजिक स्थितियों में देखने वाले दुर्खाइम के इस कथन से उनके हमवतन अल्बेयर कामू शायद ही सहमत हों। कामू आत्महत्या को एक “अबूझ दार्शनिक पहेली ” मानते थे। लेकिन बात नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के एक्सीडेंटल डेथ्स एंड स्यूसाइड इन इंडिया नामक...
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