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गांवों की तसवीर बदलने की पहल- अंजनी कुमार सिंह

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के विकास के बाद केंद्र सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए अब ग्रामीण परिवहन योजना के विस्तार की दिशा में काम कर रही है. इसका नाम प्रधानमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना है. योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधा को बेहतर कर रोजगार के नये अवसर पैदा करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे में कृषि व ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता देना है. ...

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बेरोजगारी बढ़ने के सबब-- अरविन्द जयतिलक

पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...

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सुलगता सवाल : क्या मॉनसून की बारिश सूखे की भरपायी कर पायेगी ? सूखते जलागार, घटता जलस्तर, पेयजल और सिंचाई के संकट पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ, नये शोध और आधिकारिक दस्तावेज...जानने के लिए यहां क्लिक करें.

लगातार दो सालों (2014-15 और 2015-16) में सामान्य से क्रमशः 12 और 14 फीसदी कम बारिश के कारण सूखे की मार झेल चुका देश इस साल मानसून से पहले भयावह गर्मी की चपेट में है. चैत के दिन जेठ के दुपहरिया की तरह तपे और देश के कई इलाकों में अप्रैल महीने में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से लेकर 46 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा जो कि सामान्य से...

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रघुराम राजन के मौद्रिक नीति की निर्मला सीतारमन ने की आलोचना

नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की मौद्रिक नीतियों की एक तरह से आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि उंची ब्याज दरें उद्योग जगत विशेष छोटे व मझौले उद्यमों की लागत प्रतियोगितात्मकता को प्रभावित कर रही हैं. मंत्री ने कहा कि वे इस मुद्दे को पहले ही वित्त मंत्री के समक्ष उठा चुकी हैं और उन्होंने इस बारे में केंद्रीय बैंक को...

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आयकर का दायरा बढ़ाना ही होगा-- मधुरेन्द्र सिन्हा

बीती सदी के नब्बे के दशक में जब नरसिंह राव और उनके सुयोग्य मंत्री मनमोहन सिंह ने देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, तब समृद्धि का एक दौर आया। उसके साथ ही करोड़पतियों की कतार बढ़ती गई। लंबी-लंबी कारें, बड़े-बड़े अपार्टमेंट और गहनों के चमकते शोरूम आम हो गए। देश में बढ़ते अरबपतियों की तादाद की खबरें दुनिया भर में सुनाई पड़ने लगीं। इन सब के बावजूद आयकर देने...

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