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जन-बुद्धिजीवी की चीख और अपील-- रविभूषण

किसी भी समाज में जन-सार्वजनिक बुद्धिजीवी की विशेष भूमिका होती है. ऐसे बुद्धिजीवी जनता की आवाज होते हैं, उन्हें दिशा-दृष्टि देते हैं. पिछले कुछ समय से भारतीय बुद्धिजीवियों पर राज्य द्वारा अनेक आरोप मढ़े जा रहे हैं. लेखक, स्तंभकार, शिक्षाविद्, राजनीतिक विश्लेषक, नागरिक अधिकार सक्रियतावादी, प्रसिद्ध-प्रतिष्ठित, महत्वपूर्ण दलित चिंतक आनंद तेलतुंबड़े को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी बनाया गया है और उनके नौ सह-आरोपी अभी जेल में हैं, जिनकी भारतीय बौद्धिक...

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संविधान में आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए आरक्षण देने का प्रावधान नहीं: जस्टिस चेलमेश्वर

मुंबई: सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने बुधवार को कहा कि संविधान में सिर्फ समाज के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण देने का प्रावधान है, न कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, रिटायर्ड जस्टिस जे. चेलमेश्वर आईआईटी बॉम्बे में आयोजित आंबेडकर मेमोरियल लेक्चर में एक छात्र के सवाल का जवाब दे रहे थे. चेलमेश्वर ने...

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तमिलनाडु में महात्मा की चमक-- रामचंद्र गुहा

महात्मा गांधी आधुनिक युग के ऐसे इंसान हैं, जो किसी भी अन्य भारतीय की अपेक्षा अपने होने को सार्थक करते हैं। एक ऐसे हिंदू, जिन्होंने मुसलमानों के समान अधिकारों के लिए अपना करियर तो समर्पित किया ही, जीवन भी बलिदान कर दिया। 1922 में राजद्रोह के मुकदमे की सुनवाई कर रहे अंग्रेज जज ने पेशा पूछा, तो उनका जवाब था- ‘किसान और बुनकर'। जीवन यापन के दो ऐसे तरीके, जो...

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जजों की नियुक्ति का जटिल सवाल - प्रो. मक्खनलाल

हाल में सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की नियुक्ति के बाद कोलेजियम व्यवस्था एक बार फिर सवालों से दो-चार है। इस व्यवस्था पर विचार करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने ऐसा क्या कुछ किया कि मौका मिलने पर न्यायाधीशों ने अदालती निर्णयों के माध्यम से सरकार से काफी कुछ न केवल छीन लिया, बल्कि जजों की नियुक्ति के मामले में शासन और...

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‘असर’ ने स्कूली शिक्षा की खोली पोल, पढ़ाई में अव्वल लड़कियां, जोड़-घटाव में फिसड्डी

देश की शिक्षा व्यवस्था का आधार स्कूली शिक्षा मानी जाती है. बच्चों के प्रारंभिक ज्ञान की नींव स्कूली शिक्षा होती है. हमारे स्कूलों में हो रही पढ़ाई और उसमें पढ़ने आने वाले बच्चों की स्थिति क्या है? वो कितनी कारगार है और इसमें कितनी सुधार की गुंजाइश है। इसको लेकर शिक्षा की स्थिति पर सर्वे करने वाली संस्था ‘प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन' ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘असर' यानी एनुअल स्टेटस ऑफ...

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