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भ्रष्टाचार का भयावह मंजर- ज्ञान प्रकाश पिलानिया

जनसत्ता 17 सितंबर, 2013 : हाल ही में ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की ‘वैश्विक भ्रष्टाचार: बैरोमीटर-2013’ रिपोर्ट में एक बार फिर यह उजागर हुआ है कि भारत में भ्रष्टाचार दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले दुगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। विश्व के सत्ताईस फीसद लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल भर के दौरान रिश्वत देकर काम कराया है। लेकिन अकेले भारत में यह आंकड़ा चौवन फीसद रहा। यानी हर दो में...

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खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से महज 10,000 करोड़ का बोझ: थॉमस

खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से राजकोषीय घाटा तेजी से बढ़ने की आशंकाओं को खारिज करते हुए केन्द्रीय खाद्य मंत्री क़ेवी़ थॉमस ने कहा कि इससे अगले एक वर्ष के दौरान सरकारी खजाने पर केवल 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त सब्सिडी बोझ ही पड़ेगा।उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2013.14 के बजट में खाद्य सब्सिडी के लिये 90,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम अगले कुछ महीनों के दौरान लागू किया...

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खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर नहीं : सरकार

नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि उसके खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से अर्थव्यवस्था पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा। खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम अगले एक साल के दौरान लागू किया जाना है। लोकसभा में दो दिन पहले ही खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित किया गया है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के इस महत्वकांक्षी विधेयक में देश की 82 करोड़ जनता को सस्ता अनाज उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। खाद्य मंत्री के.वी. थॉमस...

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रीयल एस्टेट क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: रिपोर्ट

नयी दिल्ली। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रीयल एस्टेट का योगदान 2013 में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है और इस क्षेत्र में 76 लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है। संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली वैश्विक कंपनी सीबीआरई ने कहा, ‘‘भारतीय रीयल एस्टेट तथा निर्माण उद्योग अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है और देश के बुनियादी ढांचा के विकास में इसकी अहम भूमिका है। यह आर्थिक गतिविधियों...

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घाटे के डर से सार्वजनिक खर्च से बच रही सरकार

नई दिल्ली [नितिन प्रधान]। राजकोषीय घाटे की चिंता सरकार को अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए जरूरी सार्वजनिक खर्च की रफ्तार बढ़ाने से रोक रही है। इसके बजाय सरकार अर्थव्यवस्था का माहौल बदलने के लिए नीतिगत फैसलों में बदलाव पर ज्यादा भरोसा कर रही है। निवेश के लिए फिलहाल सरकार पूरी तरह निजी क्षेत्र पर निर्भर कर रही है। चालू वित्त वर्ष 2013-14 की शुरुआत के बाद अब तक सरकार द्वारा लिए...

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