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सरकार स्वीकार करेगी एसएमएस को भी दस्तावेज के तौर पर.

सरकार अब एसएमएस को दस्तावेज के तौर पर स्वीकार करेगी। खासकर भुगतान, रजिस्ट्रेशन करने और कई अन्य योजनाओं के संबंध में। ठीक वैसे ही जिस तरह रेलवे का टिकट एसएमएस के जरिए आने पर उसे दिखाकर सफर करने की सुविधा अभी मिल रही है। केंद्र सरकार ने सोमवार को 'मोबाइल सेवा' शुरू की है। 100 विभागों की 241 सेवाएं इससे जोड़ी गई है। इनमें सूचना का अधिकार, स्वास्थ्य, आधार कार्ड और...

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16 दिसंबर से दोगुने हुए बलात्कार के मामले, उत्पीड़न की घटनाएं पांच गुना बढ़ीं

नई दिल्ली। दिल्ली में पिछले साल 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद आलोचनाओं के घेरे में आई पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू करने समेत कई कदम उठाए हैं लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आने के बजाए इनमें बढोतरी देखने को मिली है। पिछले 13 वर्षों में इस वर्ष बलात्कार के मामले सर्वाधिक हुए , लेकिन दिल्ली पुलिस का...

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महंगाई के मोरचे पर चेतने का वक्त

महंगाई के मोरचे से आ रही खबरों को देखते हुए लगता नहीं कि निकट भविष्य में इसकी मार से छुटकारा मिलेगा. ताजा आंकड़ों के मुताबिक खाद्य-पदार्थो, विशेषकर सब्जियों, की कीमतों में खासी तेजी आयी है. इससे थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में बीते 14 माह की रिकॉर्ड ऊंचाई पर रही. सब्जियों की महंगाई का आलम यह है कि अक्तूबर से नवंबर के बीच कीमतों में तकरीबन 17 फीसदी का...

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एसएचजी की महिलाओं को चार प्रतिशत पर कर्ज

पटना: एसएचजी यानी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए उन्हें चार प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा. वर्तमान में सात प्रतिशत  पर कर्ज मिलता है. अतिरिक्त तीन प्रतिशत राशि राज्य सरकार अपने खजाने से बैंकों को सूद के रूप में देगी. लोक सेवा का अधिकार कानून, 2011  में संशोधन करते हुए कुछेक सेवाओं में तत्काल सेवा तो कुछ की समय सीमा...

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भारत का 'चुप्पा' विकास जो किसी को नहीं दिखा

उस वक्त को गुजरे ज़्यादा दिन नहीं हुए जब भारत के सबसे ग़रीब ज़िलों में बुनियादी सुविधाएं बहुत कम और विरल थीं. ज़्यादातर लोग अपने हालात के भरोसे थे. इनमें से कुछ लोगों को भरे-पूरे प्राकृतिक वातावरण का संग-साथ हासिल था और शायद उनकी जिन्दगी में वह आज़ादी और उत्साह भी था जो आज खो गया है. लेकिन अन्य बहुत से लोग भूख, असुरक्षा और शोषण के साये में रहते थे...

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