जैसा कि हम जानते हैं, पुणे की स्थानीय अदालत द्वारा प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बड़े की अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी को ख़ारिज किये जाने के बाद बीते दो फरवरी की सुबह 3:30 बजे उन्हें मुंबई एअरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था जिसे अदालत ने ग़ैरक़ानूनी क़रार दिया और दोपहर बाद वे छोड़ दिए गए. पुणे पुलिस की यह जल्दबाज़ी हैरान करने वाली थी क्योंकि प्रो. तेलतुम्बड़े को सर्वोच्च न्यायालय ने ज़मानत लेने...
More »SEARCH RESULT
लोगों के कंप्यूटर की निगरानी के कारणों का खुलासा करने से केंद्र सरकार का इनकार
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 10 सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 के तहत किसी कंप्यूटर में मौजूद डेटा को हासिल करने का अधिकार देने के कारणों का खुलासा करने से इनकार करते हुए इस सूचना को अत्यधिक गोपनीय करार दिया है. एक आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इसे अत्यधिक गोपनीय सूचना की श्रेणी में रखा गया है और इसका खुलासा नहीं किया...
More »सवर्ण गरीबों की खिल्ली-- मिलिन्द मुरुगकर
नरेंद्र मोदी सरकार ने सवर्ण गरीबों को आर्थिक मापदंड पर आधारित आरक्षण देने का निर्णय किया है. इस मापदंड के अनुसार आठ लाख रुपये प्रति वर्ष, अर्थात 66,600 रुपये प्रतिमाह से कम आय पाने वाले लोग अब आर्थिक मापदंड से पिछड़े माने जाएंगे. इसका सीधा मतलब यह है कि मोदी सरकार ने वास्तविक दृष्टि से गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया ही नहीं है, बल्कि चुनाव जीतने के लिए उनकी आंखों में...
More »असम की भाजपा सरकार ने विधानसभा में अवैध विदेशियों के अलग-अलग आंकड़े पेश किए
गुवाहाटी ः असम की भाजपा सरकार को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने अवैध नागरिकों के अलग-अलग आंकड़े पेश कर दिए. प्रश्नकाल के बाद भाजपा विधायक नुमाल मोमिन ने इस मुद्दे की तरफ ध्यान दिलाया और स्पीकर से अनुरोध किया कि वह लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. एक सवाल का जवाब देते हुए असम के संसदीय कार्य मंत्री...
More »बंगाल की खाड़ी से बवंडर-- मृणाल पांडे
मूल मंशा चाहे जो रही हो, केंद्र से आये सीबीआई के जत्थे का यकायक कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के घर पर नाटकीय धावा बोल देना बंगाल की खाड़ी से उठा एक बीहड़ बवंडर दिख रहा है. इसने देखते-देखते सारे देश को गिरफ्त में लेकर समूचे विपक्ष को ममता के पक्ष और केंद्र के खिलाफ लामबंद कर दिया है. यदि पता होता कि पांच साल पुराने मामले की जांच...
More »