SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3291

कैंसर दवा पेटेंट मामले में नोवार्टिस मुकदमा हारी, 15 गुना सस्ती हो सकती है दवा

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने स्विस दवा कंपनी नोवार्टिस एजी की एक कैंसररोधी दवा के पेटेंट दावे को खारिज कर दिया। अदालत के फैसले की स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सराहना की। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक अहम फैसला देते हुए कैंसर की दवा ग्लिवेक (इमैटिनिब मेसिलेट) पर स्विस कंपनी नोवार्टिस एजी के पेटेंट का दावा खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि कंपनी पेटेंट की जांच पर खरी नहीं उतरी। न्यायमूर्ति आफताब...

More »

भगवान भरोसे विज्ञानी बाबू - ।।रजनीश उपाध्याय।।

दुनिया के दो महान व्यक्तित्व. दोनों तेज दिमाग के. अति प्रतिभावान. ग्रेट साइंटिस्ट. लगभग समकालीन भी. एक ने भारत के छोटे से गांव में जन्म लिया. नाम - वशिष्ठ नारायण सिंह. अभावों के बीच अपनी मेधा के बल पर राह बनायी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया तक पहुंचे. दूसरे ने भी अपनी मेधा का लोहा मनवाया और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में शोध किया. नाम - स्टीफन विलियम हॉकिंग. दोनों गणित में पारंगत. वशिष्ठ...

More »

ताकि मिल सके सस्ती खुराक

नई दिल्ली। जेनरिक दवाएं गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। खासकर भारत जैसे विकासशील देश में इनकी अहमियत और हो जाती है, जहां गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली की बड़ी हिस्सेदारी है। दो जून की रोटी की जुगाड़ में लगे रहने वाले भारतीय परिवारों के कुल स्वास्थ्य पर खर्च का 72 फीसद केवल दवाओं के मद में जाता है। क्या हैं जेनरिक दवाएं: जब कोई दवा कंपनी किसी...

More »

मॉरीशस मार्ग की माया- सुनील

जनसत्ता 1 अप्रैल, 2013: अट्ठाईस फरवरी को बजट पेश होते ही, वित्तमंत्री की उम्मीद के विपरीत, शेयर बाजार का सूचकांक गिरने लगा और पिछले तीन महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। कारण खोजने पर बजट भाषण का एक वाक्य खलनायक बन कर उभरा। तत्काल वित्तमंत्री से लेकर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों तक ने पत्रकार वार्ताएं आयोजित कर सफाई जारी की, ‘गलतफहमी\' दूर करने की कोशिश की और माफी...

More »

मर्ज कुछ इलाज कुछ- मुकेश कुमार

 जनसत्ता 23 मार्च, 2013: भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने पत्रकारों की योग्यता मापने के पैमाने तय करने के जिन उपायों की बात की है उनसे स्वाभाविक ही विवाद पैदा हो गया है। उनके अव्यावहारिक नुस्खों से किसी भी तरह सहमत नहीं हुआ जा सकता। पत्रकारिता में आई गिरावट के लिए जिन चीजों को वे जिम्मेदार बता रहे हैं, उन्हीं से पता चलता है कि वे समस्या...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close