लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...
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देश भर में गर्मी की मार जारी
देश के विभिन्न क्षेत्रों में पारा 40 के पार होने के कारण लोग भीषण गर्मी से बेहाल हैं। हालत यह है कि पश्चिम बंगाल में आज तीसरे चरण के मतदान के दौरान मतदान केन्द्र के बाहर ड्यूटी पर तैनात एक सरकारी कर्मचारी की लू लगने से मौत हो गयी। ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण हालांकि राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में तापमान में हल्की गिरावट आयी। मौसम विज्ञानियों...
More »फ्लोराइड युक्त पानी से मप्र को अब मिलेगी मुक्ति
अरविंद पांडेय। नईदिल्ली। फ्लोराइड युक्त जहरीले पानी के संकट से जूझ रहे मध्यप्रदेश को अब जल्द ही इससे मुक्ति मिलेगी। केंद्र ने इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक मुहिम छेडी है। जिसमें मप्र को भी शामिल किया है। अभियान के पहले चरण में देश के फ्लोराइड प्रभावित उन क्षेत्रों को साफ पीने का पानी मुहैया कराया जाएगा, जहां अभी लोग इसे पीने के लिए मजबूर है। इनमें राज्यों की...
More »भारत में विकसित नयी वैक्सीन की दुनियाभर में सराहना..
रोटावायरस डायरिया भारत सहित कई देशों में नवजात शिशुओं और बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारण है. भारत में हर साल करीब नौ लाख बच्चों को इसके कारण अस्पतालों में भर्ती करना पड़ता है, जिनमें से 80 हजार से एक लाख बच्चों की मृत्यु हो जाती है. लेकिन, इससे बचाव की विदेशी दवाएं इतनी महंगी थीं कि हर किसी के लिए उसका सेवन करना आसान न था....
More »आधी अधूरी खाद्य व्यवस्था-- जाहिद खान
तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
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