जनसत्ता 12 जुलाई, 2012: गंगा का नाम लेने मात्र से पवित्रता का बोध होता है। यह देश की एकता और अखंडता का माध्यम और भारत की जीवन रेखा के अतिरिक्त और बहुत कुछ है। गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी दोनों है। आज भी लगभग तीस करोड़ लोगों की जीविका का माध्यम है। मगर पिछली डेढ़ सदी से गंगा पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं और हमें जरा भी अपराध-बोध नहीं...
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झुग्गियों से ब्रिटेन तक, नए भविष्य की उम्मीद
‘स्लमडॉग मिलेनियर’ फिल्म में हमने गरीबी में जी रहे बच्चों की अमीर बनने से कहानी देखी है. अब भारत की कुछ बड़ी झुग्गी झोपड़ी बस्तियों के बच्चों का एक समूह ब्रिटेन में अपने जीवन पर आधारित एक म्यूज़िकल पेश कर रहा है. इनमें से अधिकतर बच्चे कूड़ा बीनने का काम करते हैं और बाकियों के माता-पिता लोगों के घर काम करते हैं. दस से चौदह साल के बीच के इन बच्चों...
More »सुन और बोल सकते हैं पौधे भी
मेलबर्न: दक्षिण अफ्रीका के वनस्पतिशास्त्री लिआल वाटसन ने जब अपनी पुस्तक 'सुपरनेचर' में कहा था कि पौधों में भी भावनाएं होती हैं और उसे 'लाई डिटेक्टर' पर दर्ज किया जा सकता है तो सभी ने उनकी इस बात को मजाक समझा था. इस बात को करीब चार दशक बीत गए हैं और अब 'यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया (यूडब्ल्यूए) ' के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि पौधे वास्तव में आवाज सुनकर...
More »जिनका व्यापार है एटमी ऊर्जा -- पुष्परंजन
एक जर्मन नागरिक जोनटेग रेनर हर्मन भारत से निकाला जाता है, और इस पर पूरे जर्मनी में चुप्पी, सचमुच हैरान करती है. हर्मन पर आरोप है कि वह दक्षिण भारत के कुडनकुलम परमाणु परियोजना के विरोध में लोगों को उकसा रहा था. कुडनकुलम परमाणु परियोजना के विरोधियों का नेतृत्व करने वाले उदय तपमार से रेनर हर्मन काफ़ी करीब रहा था, और उसके लिए एनजीओ के माध्यम से धन भी जुटा रहा...
More »सबक, स्वार्थ और संदेश-इर्शादुल हक
महात्मा गांधी के पौत्र और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी बदलते बिहार पर वैश्विक सम्मेलन के समापन सत्र में अपना भाषण एक काल्पनिक चिट्ठी के रूप में पेश करते हैं. जयप्रकाश नारायण के नाम लिखे पत्र में वे कहते हैं, 'जयप्रकाश जी अगर आज आप होते तो खुश होते कि आपके दो शागिर्दों-लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने बिहार में कितना अच्छा काम किया है. लालू ने बिहार...
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