नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। सरकारी भंडारों में निर्धारित मानक से तीन गुना ज्यादा अनाज, पिछले साल से बेहतर चीनी सत्र और सस्ते खाद्य तेलों की पर्याप्त उपलब्धता!...इसके बाद भी महंगाई मार रही है। दरअसल सरकार खाद्य अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में बुरी तरह चूक गई है। शुक्रवार को संसद में चीनी की कीमतों में वृद्धि के बहाने प्रधानमंत्री ने इसे असफलता को स्वीकार भी कर लिया। उचित समय पर सही निर्णय लेने में खाद्य मंत्रालय...
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अब भी दुरुस्त नहीं विश्व की आर्थिक दशा - यूएन रिपोर्ट
अगर आप यह सोचते हैं कि महामंदी का कहर अब उतार पर है और अर्थजगत की सेहत के लिहाज से सबसे बुरा वक्त बीच चुका है तो यह रिपोर्ट खास आपके ही लिए है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा हाल ही में जारी वर्ल्ड इकॉनॉमिक सिचुएशन एंड प्रास्पेक्टस्-२०१० (डब्ल्यू ई एस पी) नामक रिपोर्ट में आशंका जतायी गई है कि विकासशील देशों में आर्थिक वृद्धि की सालाना रफ्तार मंदी से पहले...
More »जलवायु परिवर्तन पर सहमति संभव नहीं : भारत
दावोस (स्विटजरलैंड ) : जलवायु परिवर्तन की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले शीर्ष अधिकारी श्याम शरण ने कहा है कि इस मुद्दे पर दुनिया के देशों के बीच आम सहमति बन पाना संभव नहीं है. श्री शरण ने यहां व्यापार एवं नीतियों को लेकर हो रहे सम्मेलन में कहा कि यदि आर्थिक मंदी का दौर जारी रहता है या फ़िर आने वाले वषाब में स्थिति और खराब हुयी तो फ़िर ऐसी स्थिति में...
More »महंगाई की मार से अमेरिकी भी बेहाल
वाशिंगटन : दुनियाभर में आर्थिक मंदी और खाद्यान्न की कीमतों में उछाल का असर अमेरिका पर इतना गहरा हुआ है कि उसकी 20 फ़ीसदी आबादी के पास दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. अमेरिका में हाल में कराये गये एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि 2009 में हर पांच में से एक अमेरिकी परिवार के सामने कम से कम एक बार ऐसे हालात पैदा हो गए थे कि उनके पास...
More »अमेरिका: हर सातवें घर में रही भूख की छाया
वाशिंगटन। मंदी से प्रभावित अमेरिका में पिछले वर्ष हर सातवें घर में हमेशा पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं था, जो जीवन की मूल आवश्यकता है। सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार अमेरिकी कृषि विभाग ने कहा कि वर्ष 2008 में भूख दर 14.6 प्रतिशत रही। इसका अर्थ हुआ कि अमेरिका के करीब पांच करोड़ लोगों को साल के दौरान खाद्य असुरक्षा...
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