नई दिल्ली। सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक के संसद में पारित होने को लेकर सोमवार को भरोसा जताते हुए कहा कि वह इस विधेयक का विरोध करने वालों को दबाना नहीं चाहती है, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि समानता एक मौलिक अधिकार है। कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने संवाददाताओं से कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं कि लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देना राष्ट्रीय संकल्प है।...
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उड़ीसा के आदिवासियों की दशा-दुर्दशा-कुछ रिपोर्ट
हालिया हिट हॉलीवुडी फिल्म अवतार के कथानक और उड़ीसा के गरीब आदिवासियों की जिन्दगी के बीच क्या समानता हो सकती है। एक तरफ थ्रीडी एनिमेशन में बनायी गई अवतार फिल्म है और दूसरी तरफ है सरवाइवल इंटरनेशनल की उड़ीसा के डोंगरिया कोंढ जनजाति की जिन्दगी पर बनायी हुई माइन- स्टोरी ऑव ए सैक्रेड माऊंटेन नाम की एक डॉक्यूमेंट्री। दस मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री में डोंगरिया कोंढ़ जनजाति की दुर्दशा की...
More »दो सिरदर्द का एक इलाज
चीन के साथ तनाव और माओवादियों द्वारा पेश की गई चुनौतियों ने पिछले कुछ हफ्तों से अखबारों की काफी सुर्खियां बटोरी हैं। हालांकि इन दोनों मसलों का एक दूसरे से जुड़ाव नहीं दिखता, लेकिन ये दोनों तब एक साथ केंद्र में आ जाते हैं जब हम आर्थिक विकास व मानव विकास के मुख्य आंकड़ों पर नजर डालते हैं। पहले चीन की बात करते हैं। वैश्विक आर्थिक प्रभाव, कूटनीतिक पहुंच, सैन्य शक्ति व...
More »मानव विकास सूचकांक
खास बात • 2018 में, 189 देशों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त क्षेत्रों में भारत मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में 129वें पायदान पर (एचडीआई वेल्यू 0.647) था, जबकि चीन 85वें (एचडीआई वेल्यू 0.758), श्रीलंका 71वें (एचडीआई वेल्यू 0.780), भूटान 134वें (एचडीआई वेल्यू 0.617), बांग्लादेश 135 वें (एचडीआई वेल्यू 0.614) और पाकिस्तान 152 वें पायदान (एचडीआई वेल्यू 0.560) पर था. • 1990 और 2018 के बीच, औसत वार्षिक मानव सूचकांक के मूल्यांक में (तर्कयुक्त संकेतक, कार्यप्रणाली और समय-श्रृंखला डेटा के...
More »सवाल सेहत का
खास बात • सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** • अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** • तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** • सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...
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