बीते महीने शिलांग में हुए सूचना के अधिकार के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि आरटीआई का कानून शासन में पारदर्शिता,जवाबदेही और जनता की भागीदारी की एक नई राह खोल रहा है। और अब ,नागरिक संगठनों द्वारा सरकारी लोकपाल बिल के विकल्प के रुप में जो मसौदा तैयार किया गया है उससे इस बात पर मुहर लग गई है। भ्रष्टाचार निरोधी जन लोकपाल बिल के नाम से...
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आरटीआई कानून- हंगामा है क्यों बरपा ?
जो कभी इसके पैरोकार थे वही सूचना का अधिकार अधिनियम के कानूनी शक्ल लेने के पाँच साल बाद इतने चिन्तित क्यों है ? किस लिए एक बार फिर से इस मुद्दे पर धरना, रैली, सम्मेलन और भूख-हड़ताल की बाढ़ सी आई हुई है ? इसकी एक वजह तो यही है कि सूचना का अधिकार कानून से जिस मौन क्रांति का चक्का चल पडा है, उसकी गति को निहित स्वार्थवश किए...
More »आईआईटी कानपुर में मजदूरों का शोषण, हाईकोर्ट में याचिका दायर
आईआईटी कानपुर में श्रम कानूनों में व्यापक स्तर पर हो रही अनियमितताओं के विरोध में आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों के समूह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच में एक रिट पेटिशन दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आईआईटी कानपुर में भवन और इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, मेस, सुरक्षा, मेंटेनेंस, सफाई कार्यों आदि में बड़ी भरी संख्या में संविदा मजदूर काम कर रहे हैं जिन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं...
More »यूनिक आईडी के खिलाफ अरुणा राय
जयपुर. समाज को सरकारी तंत्र की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए या नहीं। इसी विषय पर संवाद के साथ मंगलवार शाम जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का समापन हुआ। सॉन्जॉय राय ने अगले फेस्टिवल में निमंत्रण के साथ सभी का आभार जताया। समापन संवाद में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय ने कहा, सरकार प्रजा की नौकर है और नौकर को कुछ भी छुपाने का अधिकार नहीं। अगर आपको किसी चीज की सूचना नहीं है तो वह...
More »बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
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