पणजी : गोवा में आरटीआई कार्यकर्ताओं को एक तरह से चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा है कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना हासिल करने के लिए अपनी क्षमता से अधिक धन खर्च करने वालों के नाम आयकर विभाग को भेजे जाएंगे. मुख्यमंत्री ने लघु उद्यमियों की बैठक में कहा, ‘‘यदि कोई व्यक्ति आरटीआई के तहत विभिन्न विभागों से संबंधित सूचनाएं हासिल करने के लिए लाखों रुपये...
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वेदांता पर फैसला करेगी ग्राम-पंचायत
भुवनेश्वर: केंद्र सरकार और स्थानीय आदिवासियों के कड़े विरोध के बावजूद ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को नियमगिरी पर्वत में बॉक्साइट के खनन के बारे में निर्णय लेने के लिए 12 ग्राम सभाओं की बैठक की तिथियों की घोषणा कर दी. 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर्वत में खनन के बारे में अंतिम निर्णय स्थानीय ग्राम सभाओं पर छोड़ दिया था और तीन महीनों के अन्दर खुदाई से प्रभावित होने वाले...
More »सूचना अधिकार की नजर- कनक तिवारी
जनसत्ता 17 जून, 2013: केंद्रीय सूचना आयोग के ताजा निर्णय के कारण राजनीतिक पार्टियों में खलबली मच गई है। आयोग का फैसला राजनीतिक पार्टियों की पीठ पर कोड़ा मारता दिखा, लेकिन उसे दलों ने पेट पर लात मारने की शक्ल में माना और अपनी जगहंसाई कराई। आयोग के सामने प्रश्न था कि क्या सूचनाधिकार अधिनियम की धारा 2 (ज) के अनुसार राजनीतिक दलों को लोक प्राधिकारी (पब्लिक अथॉरिटी) माना जा...
More »पारदर्शिता से परहेज क्यों- बाबू लाल नागा
यह सूचना के अधिकार की ताकत का ही नतीजा है कि आज राजनीतिक दल इस कानून से काफी आतंकित है। वे सूचना के अधिकार कानून के तहत जवाब देने से कतरा रहे हैं। केंद्रीय सूचना आयोग के फैसले का विरोध करते हुए एक हो गए हैं। कह रहे हैं राजनीतिक दल कोई सरकारी संस्था थोड़े ही है जो उस पर सूचना के अधिकार का शिकंजा कसा जाए।कहा जा रहा इससे...
More »पारदर्शिता का पैमाना और पार्टियां- शीतला सिंह
जनसत्ता 11 जून, 2013: केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने एक फैसले में राजनीतिक दलों को सूचना आयोग कानून के तहत जवाबदेह माना है। आयोग की पूर्णपीठ ने राजनीतिक दलों का यह तर्क नहीं स्वीकार किया कि वे सरकारी सहायता से चलने, उनसे अनुदान प्राप्त करने वाले संगठन नहीं हैं इसलिए वे इस कानून से मुक्त हैं। केंद्रीय सूचना आयोग का मानना है कि वे केंद्र सरकार की ओर से परोक्ष...
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