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दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर लाई गईं 200 लड़कियां लापता-- हेमंत कुमार पांडेय

दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसियों के नाम लाई गईं 200 लड़कियां लापता हैं। यहां बिना लाइसेंस की 12 एजेंसियां प्लेसमेंट के बहाने 16 साल से मानव तस्करी के धंधे में लगी हैं। ये लड़कियां बिहार, झारखंड, ओडिशा जैसे राज्यों से बहला-फुसलाकर लाई गईं थीं। इनका नेटवर्क असम, प. बंगाल में भी फैला हुआ है। पिछले माह इसका खुलासा होने के बाद से पुलिस जांच में जुटी है। दलालों के जरिए इन लड़कियों...

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झारखंड ECL माइन धंसान हादसा : अब तक सात शव निकाले गये, अब भी 35-40 मजदूर दबे हुए

गोड्डा/बोआरजोर (झारखंड) : झारखंड के गोड्डा जिले के ललमटिया क्षेत्र के भोड़ाय काेल माइंस साइट में गुरुवार रात आठ बजे धंसे खदान से अब तक सात लाशें निकाली जा चुकी है. एक लाश मलवे में दबी हुई दिखाई दे रही है. 35 से 40 और मजदूरों के दबे होने की आशंका है. मलवे ने निकाली गयी सात में पांच लाशों की पहचान कर ली गयी है. इनमें से एक झारखंड,...

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कम क्यों है भ्रष्टाचार की शिकायतें ?

रोजमर्रा के शासन-प्रशासन में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत बहुत कम ! इस विरोधाभास की व्य़ाख्या कैसे हो ? क्या भ्रष्टाचार रोकने के कानूनों पर अमल इतना लचर है कि लोगों को इंसाफ मिलने का भरोसा ही नहीं होता ?हाल के एक अध्ययन के तथ्य इसी आशंका की पुष्टी करते हैं.(देखें नीचे की लिंक)दिल्ली स्थित मानवाधिकार संगठन कॉमनवेल्थ ह्युमन राइटस् इनिशिएटिव(सीएचआरआई) के एक आकलन के मुताबिक बीते पंद्रह...

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भ्रष्टाचार से लाचार लोकतंत्र!-- चंदन श्रीवास्तव

भ्रष्टाचार की बातें तो बहुत हैं, लेकिन शिकायतें बड़ी ही कम हैं! अब इस उलटबांसी की व्याख्या कैसे हो? क्या हम यह मान लें कि चलो फिर से इस नियम की पुष्टी हुई कि भारत विरोधाभासों का देश है? सार्वजनिक जीवन में नजर आनेवाला विरोधाभास दोहरा अर्थ-संकेत होता है. उसका एक इंगित है कि हमारा तंत्र पाखंड से भरा है और दूसरा इंगित कि अन्याय आठो पहर आंखों...

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सुधार की दिशा में सख्ती से बढ़ें कदम - डॉ. एके वर्मा

देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में फरवरी-मार्च में विधानसभा के चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से इन राज्यों के चुनावों की तिथियों की घोषणा कभी भी हो सकती है। जब भी चुनाव आते हैं, निर्वाचन आयोग का सारा ध्यान नए मतदाता बनाने व चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न् कराने में लग जाता है, किंतु जो असली मुद्दा है कि चुनावों में अच्छे लोग...

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