ग्रेटर नोएडा। भटट-पारसौल गोलीकांड के एक वर्ष पूरे होने पर सोमवार को आंदोलन में मारे गए किसानों की याद में ग्रामीणों ने शहीद दिवस मनाया। धरना स्थल पर किसानों ने हवन-यज्ञ कर उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की। सोमवार को भट्टा पारसौल गोलीकांड को एक साल पूरा हो गया। सात मई 2011 को ही भट्टा-पारसौल आंदोलन के दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी और दो किसान राजकर...
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5 साल में 10 करोड़ का गेहूं बर्बाद
चंडीगढ़. देश में करोड़ों लोग बेशक भूखे पेट सोते हैं लेकिन पंजाब में केंद्र और राज्य सरकार में ढुलाई को लेकर चल रहे मतभेद के कारण पिछले पांच साल में त्न10 करोड़ से ज्यादा का अनाज सड़ गया है। राज्य सरकार का आंकड़ा बताता है कि 97 हजार टन गेहूं सड़ा है। इसमें सेअभी 47 हजार टन गेहूं की नीलामी की जाएगी। इससे या तो कैटल फीड बनाई जाएगी या...
More »खुलेआम उड़ रहा था हाईकोर्ट के आदेश का मखौल, किसानों ने रोका काम
नोएडा। नोएडा एक्सटेंशन एरिया के तुस्याना व चौगानपुर गांव के बीच चोरी-चोरी बिल्डरों द्वारा किए जा रहे निर्माण को सैकड़ों किसानों ने बंद करा दिया। किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण ने अतिरिक्त मुआवजा, वारिसान और 10 फीसदी विकसित प्लाट नहीं दिया है। बावजूद काम जारी है, जबकि हाईकोर्ट ने भी मास्टर प्लान अप्रूवल तक काम पर रोक लगा दिया है, लेकिन बिल्डर आदेशों का मखौल उड़ा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा...
More »इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर
गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
More »इंडिया और भारत के उपभोक्ता- मृणाल पांडेय
उपभोक्तावाद पर कई बेदिमाग टिप्पणियों से यह भी साफ झलकता है कि कई महानगरीय लेखकों की नजर अहं भरी है। उनकी राय है कि गांव या कसबे का बेचारा मनई पूरी तरह बाजार के हाथों की कठपुतली बन नाच रहा है। शहरी बड़े भैया लोगों का यह तर्क आगे जाकर शहरों, खासकर बड़े शहरों के उपभोक्ता को एक अनैतिक उपभोगवादी बाजार बंधु और ग्रामीण मजूर किसानों का खतरनाक वर्ग शत्रु...
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