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वैद्य विशारद व आयुर्वेद रत्न नहीं कर पाएंगे इलाज

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से 1967 के बाद वैद्य विशारद व आयुर्वेद रत्न की डिग्री लेने वाले वैद्यों की डिग्री कानूनी नहीं है और इन लोगों को मरीजों का इलाज करने का अधिकार नहीं है। सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले से पिछले 43 वर्षों में हिन्दी साहित्य सम्मेलन से डिग्री लेकर मरीजों का इलाज कर रहे हजारों वैद्यों का बोरिया बिस्तर बंध जाएगा।...

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सीआईआई बनाएगा कृषि को मुनाफे वाला

अगले कुछ बरसों के भीतर राज्य में कृषि उत्पादन को दोगुना करने के उत्तर प्रदेश सरकार के लक्ष्य से प्रेरणा लेते हुए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने प्रदेश में वृहद आयोजनों की योजना बनाई है, जो कि किसान और कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित होंगे। इसके तहत सीआईआई प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो कृषि संबंधी सम्मेलन का आयोजन राज्य सरकार के सहयोग से करेगी। सम्मेलन में इस बात पर मंथन किया जाएगा कि किस तरह कृषि...

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इस गांव के घरों में नहीं लगते दरवाजे

इलाहाबाद। आज के समय में जहां बढ़ती चोरी और लूट की घटनाओं से सबक लेकर लोग अपने घरों में सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के पुख्ता इंतजाम करते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गांव है, जहां स्थानीय लोग अपने घरों में दरवाजे तक नहीं लगाते। उनकी मान्यता है कि मां काली उनके घरों की रक्षा करती हैं। इलाहाबाद जिले के कोरांव क्षेत्र स्थित दलित बहुल सिंगीपुर गांव के मकानों में यह समानता देखने...

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लोकतंत्र की थाली में समरसता परोस रही पंचायतें

सिरसा। इसमें संदेह नहीं कि वक्त का पहिया तेजी से घूमा है और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी कई परपराएं पीछे छूट गई है। लेकिन राजनीति के जमा-घटा के बीच पूर्वजों के जमाने का पंचायती राज फिर से उभरने लगा है। एक तथ्य साफ उभर कर आ रहा है कि कई पंचायतें लोकतंत्र की थाली में सामाजिक समरसता परोस रही है। सिरसा जिले में एक दर्जन से अधिक सरपंच सर्वसम्मति से चुने गए हैं। इसके अलावा...

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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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