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बढ़ती महंगाई में योजना आयोग का मानव विकास रिपोर्ट 2011

क्या किसी देश का एचडीआर रिपोर्ट सालों से चली आ रही महंगाई और महंगाई की बढ़वार की तुलना में आमदनी की बढ़वार का जिक्र किए बगैर इस फैसले पर पहुंच सकता है कि देश में गरीबों की संख्या घटी है क्योंकि प्रतिव्यक्ति आमदनी के बढ़ने से लोगों की क्रयशक्ति बढ़ी है और वे भोजन,सेहत,शिक्षा सहित रोजमर्रा की बाकी जरुरतों पर पहले की तुलना में ज्यादा खर्च कर रहे हैं ? एक ऐसे वक्त में जब...

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दिसंबर तक 7,902 गरीबों को आवास- राकेश रंजन

पटना : गरीबों का अपना घर का सपना जल्द साकार होगा. इस वर्ष दिसंबर तक 7,902 गरीबों को नये आवास सौंपे जायेंगे. इंट्रीग्रेटेड हाउसिंग स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत कांटी, औरंगाबाद, मोतीपुर, शेखपुरा, भागलपुर, किशनगंज, बहादुरगंज, पूर्णिया, बिहारशरीफ, बेगूसराय, आरा, मधेपुरा, जोगबनी व सुपौल में आवासों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इन पर 175.94 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. 3,600 का निर्माण पूरा 3,600 से अधिक आवासों...

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सरकारी लेटलतीफी के चलते गरीबों के मकान 1 लाख रु. महंगे

भोपाल। केंद्र सरकार की दो योजनाओं के तहत प्रदेश में गरीबों के लिए बन रहे 60 हजार मकानों की लागत 578 करोड़ रुपए बढ़ गई है। यह भार हितग्राहियों पर ही आने वाला है। पहले उन्हें मात्र 13 हजार में मकान दिया जा रहा था। अब उसे 1 लाख 13 हजार रुपए चुकाने होंगे। उधर केंद्र ने अतिरिक्त राशि देने से पहले ही इनकार कर दिया है। राज्य सरकार ने भी अपने हाथ...

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महंगाई को लेकर एडीबी की चेतावनी

एशियन डेवलपमेंट बैंक ने एशिया में उपभोक्ता सामग्री की बढ़ती क़ीमतों को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि इससे उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर पर असर पड़ सकता है. पूर्वी एशिया की दस उभरती अर्थव्यवस्थाओं में पहली तिमाही में विकास की दर का आकलन 8.4 प्रतिशत किया गया था लेकिन पिछले तीन महीनों में इसे घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया है. खाद्य पदार्थों और ईंधन की बढ़ती क़ीमतों की...

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सी.ए.ज़ी. की रिपोर्ट और नीतीशजी की चिंता

बिहार के वित्तीय हालात को दर्शाने वाली रिपोर्ट में - नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानि सी.ए.जी.- ने राज्य सरकार को आर्थिक लेखा- जोखा रखने के तौर तरीकों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एसी- डीसी बिल का जिन्न अब भी सरकार के गले की हड्डी बनी दिखाई देती है। कॉम्पट्रोलर ऐन्ड एकाउन्टेन्ट जनरल यानि सी.ए.जी. मार्च, 2010 तक खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए जो लेखा- जोखा...

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