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डुबकी लगाने लायक भी नहीं है गंगा

नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। तारने वाली गंगा के पानी के मारक होने पर बहस हो सकती है मगर एक बात तय है कि अब गंगाजल आचमन तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं है। भागीरथी के दामन से प्रदूषण के दाग धोने पर अरबों रुपया बहाने के बावजूद सरकार के तथ्य बताते हैं कि कि गंगोत्री से लेकर डायमंड हार्बर के बीच अधिकतर स्थानों पर गंगा जल से दूर ही रहने में भलाई है। ...

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प्रदूषण मुक्त राज्य का मास्टर प्लान मार्च तक होगा तैयार : धूमल

धर्मशाला : मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा है कि राज्यों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अगले वर्ष मार्च तक राज्य मास्टर प्लान तैयार कर लिया जाएगा। प्रदेश सरकार राज्यों को कार्बन न्यूट्रल मुक्त राज्य बनाने के लिए पूरी तरह कृतसंकल्प है। धर्मशाला में शीघ्र पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय आरंभ कर दिया जाएगा जिससे क्षेत्र के लोग लाभान्वित हो सकें। मुख्यमंत्री यहां राज्यस्तरीय पालीथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के शुभारंभ अवसर पर बोल...

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गुजरात की तर्ज पर बनेगी नई औद्योगिक नीति: रमन

रायपुर. छत्तीसगढ़ में अब नए उद्योग धंधे लगाने के इच्छुक उद्योगपतियों को महीनों-सालों तक मंत्रालय के दफ्तरों में नहीं भटकना पड़ेगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सोमवार को एक निजी होटल में राज्य की नई उद्योग नीति के स्वरूप से उद्योगपतियों से रूबरू हुए। डा. सिंह ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया है कि राज्य में नए उद्योग लगाने के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया में शासन और प्रशासन की ओर से...

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चुनार के खेतों में जम रहा है सीमेंट

चुनार। इस क्षेत्र के आसपास किसानों की जमीन बढ़ते प्रदूषण के चलते बंजर होती जा रही है। चुनार की सीमेंट फैक्ट्री के आसपास के दजर्न भर गांव में किसानों साढ़े चार हजर एकड़ जमीन की फसल बर्बाद हो चुकी है। इन गांवों में बड़े गांव, डुलडुमा, तिरऊलीपुर, बकियाबाद, सोनऊरगंज, जमुहार, नुआंव, मडर्ठपर, छिलहिया, जरहा, चौकिया, मीरपुर जमुई जसे गांव शामिल हैं। इन गांवों के किसानों के खेतों में सीमेंट जम...

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पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट

खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...

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