रांची। पूरा राज्य ठंड की चपेट में है। किसानों को तो ठंड में पसीने छूट रहे हैं। पाले का असर सब्जियों की फसल पर पड़ा है। आलू, पालक, टमाटर, फूलगोभी, बंधागोभी, मटर सब पर ठंड का असर दिख रहा है। सुबह में पूरी फसल पर ओस की बूंदों से ढंक जाती है। ज्यादातर स्थानों पर तो बर्फ की परत जम जाती है। इससे जिले में लाखों रुपए की फसल बर्बाद हुई है।...
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देसी गीजर, न बिजली की जरूरत, न गैस का झंझट
जगराओं। यदि बिजली नहीं है, गैस सिलेंडर की भी किल्लत है, लेकिन आपको गर्म पानी की आवश्यकता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब नहाने से लेकर घरेलू कामकाज के लिए देसी गीजर आ गया है। गीजर को चलाने के लिए ना बिजली की जरूरत है और ना ही गैस सिलेंडर की। देसी गीजर मात्र एक -दो रुपये में पूरे तीस लीटर गर्म पानी तैयार कर सकता है, जो दिनभर गर्म...
More »जैविक का व्यापार, एनजीओ और सरकार --- योगेश दीवान
कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
More »ये भला कैसा वेदांत?- सुनीता नारायण
कच्चे माल की मांग का बढ़कर सिर चकरा देने वाले 1.6 करोड़ टन प्रति वर्ष पर पहुंच जाने को लेकर पड़ने वाले पर्यावरण के प्रभावों का अभी तक आकलन ही नहीं किया गया है। इतना सारा बाक्साइट कहां से आएगा? इसके लिए कितनी नई खदानों की जरूरत होगी? कितना अतिरिक्त जंगल काटा जाएगा? कितना पानी निगल लिया जाएगा, कितना साफ पानी भयानक गंदा हो जाएगा?पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा उड़ीसा...
More »अलख जगाती एक यात्रा-- मेधा
११ दिसंबर दिन शनिवार का है। बापू की समाधि राजघाट पर जनमेला लगा है। देश भर से लोग अपनी रंगत, अपने लिबास, अपनी भाषा में विविधता संजोए आए हैं। कुछ है जो रंग-बिरंगी विविधता से भरे इन लोगों के मन को एकरस बना रहा है। सब के दिलों में एक ही तमन्ना धड़क रही है। और वह तमन्ना है - शस्य श्यामला ध्रती की उर्वरा-शक्ति, उसकी जीवंतता को बचाने की,...
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