सरकार का यह कदम किसानों का भाग्य बदल सकता है और उन्हें आत्महत्या करने से बचा सकता है। हाल ही में केंद्र सरकार ने चिर-अपेक्षित नई फसल बीमा योजना मंजूर की, जो न केवल व्यावहारिक है, किसानों के लिए बेहद उत्साहजनक भी है। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के अनुसार इस नई नीति के तहत किसानों को मात्र 1.5 से 2.5 प्रतिशत फसल बीमा राशि का अंश देना होगा।...
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बिचौलियों का खेल है कीमत वृद्धि-- रघु ठाकुर
सरकार ने प्याज के निर्यात का फैसला किया है। कहा गया है कि किसानों को प्याज की पर्याप्त कीमत मिल सके, इसलिए प्याज के निर्यात का निर्णय किया गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय सरकार ने प्याज के निर्यात पर यह कह कर रोक लगाई थी कि प्याज के दाम बहुत बढ़ गए हैं और उत्पादन और उपलब्धता कम है। उस समय शहरों के बाजारों में प्याज के दाम बढ़...
More »आत्महत्या की खेती
पंजाब में खेती की हताशा से आत्महत्या करने वालों में समाना के गांव गाजीसालार के जसवंत सिंह का नाम भी जुड़ गया है। कितना हृदयविदारक दृश्य होगा कि पहले बेटी की विदाई हुई फिर बाप की अर्थी उठी। जाहिर है कर्जे तले दबे किसान ने घाटे का काम साबित हो रही खेती से हताश होकर यह कदम उठाया। यह अकेली घटना नहीं है। पिछले दो महीने में बठिंडा व मानसा...
More »किसानों के 12 लाख के धान में मारी डंडी
कोरबा। सूखे की मार झेल दाना- दाना सहेज कर किसी तरह धान खरीदी केंद्र तक पहुंच रहे किसानों को यहां भी छला जा रहा है। एक बारदाने का वजन 580 ग्राम ही निकल रहा, जबकि बारदाने के नाम पर 700 ग्राम से अधिक धान लिया जा रहा। 28 दिसम्बर तक हुई धान खरीदी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 846.40 क्विंटल अधिक धान किसानों से लिया जा चुका है।...
More »बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास
इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...
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