एनआरसी को अभी तक सिर्फ़ कम्युनल और संवैधानिक दृष्टि से ही देखा गया है। एनआरसी पूंजीवादी के कितना काम आ सकता है, किस तरह काम आ सकता है इस पर भी एक नज़र डाल लेना चाहिए। क्योकि पूंजीवादी जब फासीवाद को अपना हथियार बना लेता है तो दमन और क्रूरता के सारे पुराने मापदंड टूट जाते हैं।इसे समझना हो तोलोकल इंटेलिंजेंस यूनिट के हवाले से लिखी गई अमर उजाला की...
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पुलिस किन परिस्थितियों में लोगों पर बल का प्रयोग कर सकती है?
बीते 15 दिसंबर को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के कैंपस में घुसकर पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसायीं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की थी और कई बसों में आग लगा दी थी. इस वजह से विश्वविद्यालय के अंदर पुलिस ने यह कार्रवाई की. भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में दिल्ली पुलिस की...
More »“आम आदमी को नहीं मालूम कि कांग्रेस की विचारधारा क्या है”, दार्शनिक राठौड़
आकाश सिंह राठौड़ दार्शनिक हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीतिक विचार, न्यायशास्त्र, मानव अधिकारों और दलित नारीवादी सिद्धांत के दर्शन पर काम किया है. राठौड़ ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, बर्लिन विश्वविद्यालय और न्यू जर्सी स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्यापन किया है. फिलहाल वह रोम (इटली) के लुइस विश्वविद्यालय से संबद्ध एथोस नामक थिंक टैंक से जुड़े हैं. वह रीथिंकिंग इंडिया श्रृंखला के संपादक हैं जो 14 संस्करणों का एक संग्रह है....
More »मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अभी दूर है
भारत में मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अब भी बहुत दूर है। उच्च मातृ मृत्यु अनुपात महिलाओं की खराब प्रसव स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा समाज में उनकी भयावह स्थिति को भी दर्शाता है। सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के ताजा जारी आंकडे बताते हैं कि मातृ मृत्यु अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। मातृ मृत्यु अनुपात जहां साल 1997-98 में 398.0 था, वहीं वर्ष 2015-17 में ये आंकड़ा 122.0...
More »जेएनयू विवाद: यूनिवर्सिटी में राजनीतिक हस्तक्षेप और स्वायत्तता का सनातन संकट
जेएनयू विवाद जो हॉस्टल मैन्युअल और फीस वृद्धि से शुरू हुआ था, अब छात्रों के संसद भवन मार्च और उन पर बल प्रयोग के बाद यह संसद भवन के बाहर से अन्दर तक पहुंच गया है. हॉस्टल में फ़ीस वृद्धि के बजरिए यह विवाद अब कई व्यवस्थागत विषयों को हमारे सामने खड़ा कर रहा है, तथा मानव संसाधन मंत्रालय की शैक्षिक नीति पर सवाल उठा रहा है. 1986 की शिक्षा नीति...
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