महंगे ईलाज के इस युग में कुछ फरिश्ते अभी भी है, जो भगवान बनकर गरीबों के ईलाज के लिए तत्पर है। इनके लिए डॉक्टर की उपाधि भगवान का दिया एक तोहफा है जो जरूरतमंदों की भलाई करने के लिए है, ना कि सिर्फ और सिर्फ कमाई करने के लिए। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ऐसे ही चिकित्सकों में से एक है जिन्होनें अपने पेशे के साथ- साथ सामाजिक कर्तव्य को आज...
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ढाई लाख संविदा कर्मियों का मामला सरकार की प्राथमिकता में
भोपाल। मप्र सरकार ने राजनीतिक परिदृश्य, समय की मांग और चुनावी समीकरणों को देखते हुए अब पूरा जोर सरकारी कर्मचारियों को साधने पर लगा दिया है। कर्मचारियों की लंबित मांगों पर नजर दौड़ाई जा रही है और इन्हें पूरा करने के रास्ते खोजे जा रहे हैं। इस कड़ी में अब प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने एजेंडे में...
More »कृषि, पशुपालन, शिक्षा व सिंचाई पर अधिक हो जोर
पटना : नये वित्तीय वर्ष 2016-17 का बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. बेहतर और जनोपयोगी बजट बनाने के लिए वित्त विभाग ने आम लोगों से बजट पूर्व सुझाव मांगने को लेकर पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में आम लोगों के साथ बैठक की. इस दौरान बजट में ज्यादा-से-ज्यादा जन कल्याणकारी योजनाओं को तरजीह देने के लिए तीनों स्थानों पर लोगों ने मौखिक और लिखित रूप में...
More »समाज में बुजुर्गों की जगह मत छीनिए--शिवप्रसाद जोशी
हमारा देश पहले भी हैवानियत की दास्तानें देखता और सुनता रहा है. इसी देश में तंदूर कांड भी हुआ था. इसी देश में हर मिनट बलात्कार होते हैं. इसी देश में पत्नी की लाश के टुकड़े-टुकड़े करके उसे फ्रिज में डाल देने की घिनौनी वारदात हुई है. और इसी देश में आज दिख रहा है कि कैसे एक ताकतवर स्त्री दूसरी लाचार स्त्री पर पाशविक अंदाज में हमलावर है. यह...
More »हाथभर उजाला और कोसभर अंधेरा - अनुराग चतुर्वेदी
दुनिया में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को लेकर बेहद चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं। कल से शुरू हुए अमीर देशों के सम्मेलन से ऐन पहले जारी किए गए इन आंकड़ों को सही मानें तो आज महज 62 धनकुबेरों के पास दुनिया की आधी आबादी के बराबर धन इकठ्ठा हो गया है। ऑक्सफेम के इस सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि जल्द ही वह स्थिति निर्मित...
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