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भारत में कोरोना वायरस से 24 घंटे में अब तक सबसे ज्यादा मौतें

-सत्याग्रह, देश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1543 नए मामले सामने आए हैं. इसके बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 29,435 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटे में 62 लोगों की मौत भी हुई है. यह इस अवधि में कोरोना वायरस से अब तक दर्ज मौतों की सबसे बड़ी संख्या है. इसके साथ ही मरने वालों का कुल आंकड़ा 934 पहुंच गया...

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हरियाणा: लॉकडाउन की भारी क़ीमत चुका रहे नूंह के ये ग़रीब परिवार

द वायर, देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि 19 दिनों तक बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने गरीबों को हो रही तकलीफों पर खेद जताया था. समाज का मिडिल क्लास तमाम चुनौतियों को झेलने के बावजूद भी इसे जरूरी क़दम बता रहा है. यह मिडिल क्लास उन तकलीफों को नहीं समझ रहा, जिससे बेघर मजदूर और गरीब लोग गुजर रहे हैं. ये लोग भूख से उपजी तड़प को नहीं समझते. देश का हर वंचित तबका इस...

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लॉकडाउन में छत्तीसगढ़ सरकार को 300 श्रमिक दलालों की मिली जानकारी, अब रहेंगे राडार पर

- द प्रिंट, श्रमिकों का पलायन और मजदूरों की तस्करी छत्तीसगढ़ के लिए एक अभिशाप रहा है लेकिन सरकार के स्तर पर ऐसी कोई कवायद कभी नही हुई जिससे इन श्रमिको को यहां से चोरी छिपे लेकर जाने वाले दलालों या बिचौलियों के बारे में जानकारी हासिल कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सके. प्रदेश में कोरोना लॉकडाउन अकस्मात ही राज्य सरकार के लिए ऐसा अवसर लेकर आया है जिसके तहत...

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लॉकडाउन में फैलती मर्दवाद की महामारी से कैसे निपटें?

-जनपथ, कोरोना वायरस ने भारत सहित पूरी दुनिया को बदल दिया है लेकिन दुर्भाग्य से इससे हमारी सांप्रदायिक, नस्लीय, जातिवादी और महिला विरोधी सोच और व्यवहार पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. आज दुनिया भर के कई मुल्कों से खबरें आ रही हैं कि लॉकडाउन के बाद से महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामलों में जबरदस्त उछाल आया है. वैसे तो किसी भी व्यक्ति के लिये उसके “घर” को सबसे सुरक्षित...

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जोखिम में निवेश

-जनसत्ता,  देश की शीर्ष दस म्युचुअल फंड कंपनियों में से एक फ्रैंकलिन टेंपलटन ने निश्चित आय वाली अपनी छह डेट योजनाओं को जिस तरह से बंद किया है, उससे निवेशकों की बेचैनी बढ़ना स्वाभाविक है। फ्रैंकलिन टेंपलटन के इस फैसले से यह बात साफ हो गई है कि कोरोना संकट का असर अर्थव्यवस्था में सिर्फ सीमित दायरे में नहीं, बल्कि व्यापक स्तर पर है और बड़ी-बड़ी कंपनियों के हाथ-पैर फूले पड़े...

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