SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3035

सेब की लाली पर लापरवाही का दाग

हिमाचल प्रदेश में प्रति वर्ष होने वाले 22 सौ करोड़ के सेब कारोबार पर सरकारी तंत्र की लापरवाही का ग्रहण लगता जा रहा है। वर्तमान में स्थिति इतनी खराब है कि ट्रकों की कमी के कारण प्रदेश में करीब 40 से 50 हजार सेब पेटियों का लदान नहीं हो पा रहा है। सड़कों की हालत खराब है और सेब पैकिंग के लिए पेटियां पर्याप्त नहीं हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार...

More »

पीपीपी से सावधान -योगेश दीवान

 भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...

More »

शिक्षकों की कमी सर्व शिक्षा अभियान में बड़ी बाधा- योजना आयोग

शिक्षकों की संख्या में भारी कमी शिक्षा के बुनियादी अधिकार को साकार कर पाने में बड़ी बाधा है  साथ ही शिक्षकों से पढ़ाई के अतिरिक्त लिया जा रहा काम उनके उत्साह को तोड़ने वाला एक बड़ा कारण। सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े आधे से ज्यादा शिक्षक नहीं चाहते कि उन्हें जनगणना के काम, चुनाव कार्य या मिड डे मील जैसी गतिविधियों में लगाया जाय।  योजना आयोग से संबद्ध प्रोग्राम इवैल्यूशन आर्गनाइजेशन की...

More »

वैश्विक खाद्यान्न उत्पादन- मौजूदा हालात

एफएओ का कहना है कि साल 2010-2011 में अनाज के उत्पादन में रिकार्ड बढ़त( 2279.5 ) होने की संभावना है लेकिन बुरी खबर यह है कि सूखे की मार झेल रहे रूस में इस साल गेहूं के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन एक करोड़ ३० लाख टन कमी आने की आशंका है। साल 2008-09 में रूस में 63.7 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जबकि इस साल आशंका है...

More »

ग्‍लोबल वार्मिंग से चावल का उत्‍पादन घटा, भूख से मारेगी बढ़ती गर्मी

नई दिल्‍ली. धरती के बढ़ते तापमान (ग्‍लोबल वार्मिंग)के जो भी बुरे नतीजे होने वाले हैं, उनमें एक और बुरी चीज जुड़ गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते धरती के तापमान में हो रही बढ़ोतरी की वजह से एशियाई देशों में चावल की पैदावार लगातार घट रही है। एशिया चावल का प्रमुख उत्‍पादक देश है। यहां के लोगों का मुख्‍य अनाज भी चावल है। चावल की कमी के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close