किस तरह जयपुर में 1500 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को प्रशासनिक अधिकारियों और बड़े रसूख वालों की आवासीय कॉलोनी में बदलने के लिए एक नहीं बल्कि दर्जनों नियम तोड़े गए. शिरीष खरे की रिपोर्ट जयपुर के पॉश इलाके से गुजरते हुए शहर को जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है जेएलएन मार्ग. यहां जमीनों के भाव आसमान छूते हैं. यहीं गुलाबी शहर के सबसे कीमती इलाके जवाहर सर्किल से सटी है...
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सूचना अराजकता का ‘राज’स्थान- शिरीष खरे(तहलका)
मुख्यमंत्री कार्यालय सहित ज्यादातर विभागों में देरी से जवाब, गोलमोल जवाब या जवाब ही न देने का रवैया सूचना के अधिकार को सबसे पहले लागू करने वाले राजस्थान में इस अधिकार को बेमानी बना रहा है. शिरीष खरे की रिपोर्ट बीते 11 अक्टूबर यानी सूचना के अधिकार कानून के छह साल पूरे होने से ठीक एक दिन पहले एक नये स्थान और अवसर पर वही पुराना वाकया. हरियाणा के हिसार...
More »महात्मा के दो सिपाही : गोपालकृष्ण गांधी
समय सिकुड़ रहा है, तारीखें तंग होती चलती हैं। अक्टूबर को ही देखिए, त्योहारों-तिथियों से खचाखच है। उसकी दो तारीख न सिर्फ महात्माजी की जयंती है, लाल बहादुर शास्त्री की भी है। फिर अक्टूबर 2 को ही, 1975 में, कुमारस्वामी कामराज का आकस्मिक देहांत हुआ था। वह उस कर्मठ नेता की पुण्यतिथि भी बनती है। इतिहास में रुचि रखने वालों के दिलों में अक्टूबर 31 की एक अपनी पहचान है :...
More »पैसा और अनैतिकता- एम जे अकबर
शीशे की एक दीवार को तोड़ने के लिए कितने गुस्से की दरकार होती है? पश्चिमी लोकतंत्र में शीशे की दीवार महिला अधिकारों के संघर्ष के दौरान पक्षपात के प्रतीक में तब्दील हो गयी. महिलाएं 1970 तक एक बने बनाए ढर्रे से बाहर निकल मुख्यधारा में शामिल तो जरूर हुईं, लेकिन वहां से आगे बढ़ने का रास्ता नहीं खुलता था. यह अदृश्य दीवार उन्हें बोर्ड रूम में दाखिल होने से रोकती...
More »प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी
अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...
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