अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
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बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2
सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
More »नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी, कटाव तेज
पटना बिहार में बुधवार को भी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। उत्तर व पूर्व बिहार में कई स्थानों पर पानी का दबाव अब भी बना हुआ है जिससे कटाव लगातार जारी है। खगड़िया जिले में एक ओर जहां बूढ़ी गंडक का बढ़ना जारी है, वहीं दूसरी ओर कोसी के जलस्तर में कमी आने से कटाव का खतरा बढ़ गया है। गंडक बराज से 1.8 लाख क्यूसेक पानी नदी के...
More »अब अधिक धन प्राप्त कर रहे हैं किसान
नई दिल्ली। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि गेहूं और धान के खरीद मूल्य में वृद्धि के बाद किसानों के हाथ में अब अधिक पैसा पहुंच रहा है। पवार ने कहा कि हमें लोगों को बताना है कि किसानों के हाथ में अधिक पैसा जा रहा हैं। गेहूं के खरीद मूल्य को 500 रुपये से बढाकर 1100 रुपये और धान के खरीद मूल्य को 490 रुपये से बढ़ाकर 1000...
More »हरियाणा और पंजाब से लेना होगा सबक
चंडीगढ़ [भारत डोगरा]। आज से चार-पांच दशक पहले हरित क्रांति के नाम पर भारतीय कृषि में बड़े बदलाव हुए तो इनका सबसे बड़ा केंद्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपजाऊ पट्टी को बताया गया, जहां पानी की भी कोई कमी नहीं थी। इस क्षेत्र को भारत के खाद्यान्न कटोरे के रूप में विकसित करने पर बहुत निवेश हुआ और सिंचाई, रासायनिक खाद आदि व इनसे जुड़ी सब्सिडी का अधिकांश खर्च...
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