आधुनिक भारत में विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा का आरंभ हुए एक शताब्दी से अधिक का समय बीत चुका है। स्वतंत्रता मिलने के बाद इसे प्रोत्साहन मिला और धीरे-धीरे सरकार द्वारा विश्वविद्यालय, कॉलेज और विभिन्न प्रकार के ‘प्रोफेशनल' शिक्षा देने वाले तकनीकी, मेडिकल और प्रबंधन के संस्थान खुलते चले गए। शुरू में ब्रिटेन और बाद में अमेरिका से उधार लिए गए एक बंधे-बधाए सांचे में शिक्षा का विस्तार होता गया। उधारी...
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कागजों में खदानें बंद पर रात को माफिया निकालता है रेत
बठिंडा. लोकसभा चुनाव के बाद बठिंडा, फाजिल्का और फिरोजपुर जिले में बड़े स्तर पर रेत की अवैध माइनिंग फिर शुरू हो गई है। रेत की जिन खदानों को माइनिंग अफसर कागजों में बंद दिखा रहे हैं, वे अवैध तौर पर चल रही हैं। और जो खदानें चलती दिखाई गई हैं, उनकी पर्चियों पर अवैध खदानों से रेत निकालकर लाई जा रही है। यह खुलासा मंगलवार को पकड़े गए रेत से...
More »कम नहीं हो पा रहा कुपोषण- संदीप कुमार
सरकार का दावा है कि लोगों में कुपोषण घटा है. नेशनल सैंपल सर्वे आर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) की 66वीं अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि दो तिहाई लोग पोषण के सामान्य मानक से कम खुराक ले पा रहे हैं. योजना आयोग का मानना है कि हर ग्रामीण को न्यूनतम 2400 किलो कैलोरी व हर शहरी को न्यूनतम 2100 किलो कैलोरी का आहार मिलना चाहिए. जमीनी हकीकत क्या है, यह भी सरकारी...
More »बेलगाम महंगाई के पोषक- विकास नारायण राय
जनसत्ता 22 अगस्त, 2014 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार आम लोगों के लिए बवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से है। भारतीय शासकों का यह जाना-माना तर्क रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन भी तैयार करता है। शासकों का अगला तर्क होता है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की आपूर्ति जमाखोरों ने रोक रखी है और...
More »एक गांव जहां लड़कों से दोगुनी लड़कियां
वर्ष 2011 की जनगणना में हरियाणा में छह वर्ष तक के बच्चों के लिंगानुपात का जो आंकड़ा सामने आया वह चिंता में डालने वाला था. 1000 लड़कों पर महज 834 लड़कियां थीं. राज्य में यह स्थिति पिछले कई दशकों से है. लेकिन, कुछ गांवों से ऐसी खबरें आयी हैं जो हालात बदलने की उम्मीद पैदा करती हैं. लिंग अनुपात के मामले में देश में सबसे बुरी स्थिति हरियाणा की है. यहां...
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