हर साल देश में करीब पचास हजार करोड़ रुपए का अनाज बर्बाद हो जाता है। एक ऐसे देश में जहां करोड़ों की आबादी को दो जून ठीक से खाना नहीं नसीब होता, वहां इतनी मात्रा में अनाजों की बर्बादी किस तरह की कहानी कहती है? इसकी पड़ताल कर रहे हैं रविशंकर। यह विडंबना नहीं, उसकी पराकाष्ठा है कि सरकार किसानों से खरीदे गए अनाज को खुले में छोड़कर अपना कर्तव्य पूरा...
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महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'
फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
More »चीन से ऊंची रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि दर : आइएमएफ
वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का मानना है कि 2016 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर अन्य प्रमुख उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं से अधिक रहेगी. संगठन ने अगले साल भारत की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि इस दौरान चीन की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहना अपेक्षित है. आईएमएफ ने यहां जारी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रपट (अपडेट) में यह अनुमान लगाया है. इसके अनुसार,‘ भारत की...
More »विकास की नीतियां बदलने का वक्त - यशवंत सिन्हा
भारत में घोषित आर्थिक सुधारों का इतिहास 24 साल पुराना है, लेकिन इन 24 वर्षों में भी सुधारों को लेकर जो विवाद हैं, वे अभी तक समाप्त नहीं हुए हैं। आज भी भूमि अधिग्रहण, श्रम कानून, जीएसटी, डायरेक्ट टैक्स (जैसे गार अथवा पिछली तिथि से लागू होने वाले कर) विदेशी पूंजी निवेश इत्यादि अनेक ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर आज भी कोई सहमति नहीं बन पाई है। जब डॉ. मनमोहन...
More »विकास की रफ्तार बढ़ाएंगे निरंतर जारी सुधार
हांगकांग। विदेशी निवेशकों को लुभाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत में कारोबार करना सुगम बनाने का वादा किया है। उन्होंने कहा है कि निरंतर जारी सुधारों के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विपरीत माहौल के बावजूद आर्थिक विकास की दर बीते साल के 7.3 फीसद की तुलना में ज्यादा रहेगी। वित्त मंत्री मानते हैं कि दुनिया पर छाए सुस्ती के बादलों के बीच भी भारत में चमकता सितारा बने रहने...
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