राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ जारी अभियान अपने निर्णायक मोड़ पर है, लेकिन इसे अभी खत्म नहीं माना जा सकता। तब तो और नहीं, जब हमारे संसदीय लोकतंत्र की नैतिकता में लगातार गिरावट की चिंता स्पष्ट है और इस पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा भी हो रही है। इस दिशा में सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला 10 जुलाई, 2013 को आया, जिसमें देश की सबसे बड़ी अदालत ने जन प्रतिनिधित्व...
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गन्ने मूल्य में मामूली वृद्धि की सिफारिश
नई दिल्ली। चुनावी साल होने के बावजूद गन्ना किसानों को केंद्र सरकार की ओर से तोहफा मिलने की उम्मीद कम ही है। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग [सीएसीपी] ने अगले चीनी वर्ष 2014-15 [अक्टूबर-सितंबर] के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य [एफआरपी] में दस रुपये की मामूली बढ़ोतरी की सिफारिश की है। सीएसीपी ने अगले सीजन के लिए इसका मूल्य बढ़ाकर 220 रुपये प्रति क्विंटल करने का सुझाव दिया...
More »प्याज की महंगाई का मामला सीसीआई के रडार पर
कई महीनों से प्याज के दाम काफी ऊंचे बने रहने की वजह से कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने कार्टेलाइजेशन की जांच शुरू कर दी है। सीसीआई ने राज्यों से जानकारी मांगी है कि कहीं व्यापारी प्याज के दाम बढ़ाने के लिए कार्टेल तो नहीं बना रहे हैं। प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निगरानी करने वाले सीसीआई ने पिछले कई माह से प्याज के ऊंचे मूल्य देखकर कार्रवाई शुरू...
More »गांव के लोगों की ही देन है आरटीआइ आंदोलन
आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल किसी परिचय के मोहताज नहीं है. वे आरटीआइ कानून के अमल में आने के बाद से ही लगातार इस हथियार के जरिये आम जनता के हित में लड़ाई लड़ते रहे हैं. चाहे मामला न्यायपालिका में फैले का भ्रष्टाचार का हो या फिर राजनीतिक दलों को आरटीआइ के दायरे में लाने का उन्होंने यह मुहिम निरंतर जारी रखी है. इतना ही नहीं वे नौजवान पीढ़ी की ओर आरटीआइ...
More »बोल बड़े बिल अटके पड़े- हिमांशु शेखर
कांग्रेस दावा करती है कि उसका हाथ आम आदमी के साथ है. लेकिन उसकी अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने कई ऐसे विधेयक लटका रखे हैं जिनका सीधा संबंध उसी आम आदमी की भलाई से है. हिमांशु शेखर की रिपोर्ट. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की मुख्य पार्टी कांग्रेस के नेता यह दावा करते हुए नहीं अघाते कि उनकी सरकार के लिए आम आदमी का कल्याण सबसे पहले है. लेकिन मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली...
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