जनसत्ता 20 अगस्त, 2013 : झारखंड बनने के बाद प्रभु वर्ग ने इस बात को काफी जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित किया है कि झारखंड का विकास और झारखंडी जनता का कल्याण उद्योगों से ही हो सकता है और खनिज संपदा से भरपूर झारखंड में इसकी अपार संभावनाएं हैं। यह प्रचार कुछ इस अंदाज में किया जाता है मानो झारखंड में पहली बार औद्योगीकरण होने जा रहा है। हकीकत यह है कि...
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लखीमपुर: महिला तस्करी की नई राजधानी- प्रियंका दुबे
रह्मपुत्र और सुबनसिरी जैसी विशाल नदियों के बीच बसा असम का लखीमपुर जिला पहली नजर में खुशहाल इलाका दिखता है. ढलानों पर पसरे चाय-बागान, दूर तक फैले धान के खेत और पानी से लबालब सैकड़ों तालाब. लेकिन सतह को थोड़ा ही कुरेदने पर इस खुशनुमा तस्वीर के पीछे की भयावह सच्चाई दिखती है. पता चलता है कि बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूरों और पानी में डूबे खेतों में...
More »ऐसे संघर्ष का औचित्य क्या है- विनोद कुमार
जनसत्ता 15 जून, 2013: बूर्जुआ राजनीतिक दलों और पुलिस प्रशासन की नजर में उग्रवादी, आतंकवादी, नक्सली और माओवादी, सभी एक हैं। उनकी नजर में तो यथास्थितिवाद का विरोध करने वाला हर आदमी नक्सली है। लेकिन इन सब में फर्क है। सबों के राजनीतिक दर्शन और लक्ष्यों में अंतर है। मोटे रूप में कहा जाए तो देश में सक्रिय उग्रवादी और आतंकवादी संगठन देश का विखंडन चाहते हैं, अलग देश की...
More »हरियाणा व पंजाब ने धान का रकबा घटाने का प्रयास
पानी की समस्या से जूझ रहे पंजाब व हरियाणा राज्य ने चालू खरीफ सीजन में धान की बुवाई के रकबे में कटौती करने का निर्णय लिया है। चालू खरीफ सीजन में दोनों राज्य धान की बुवाई क्षेत्र में 1.65 लाख हैक्टेयर की कटौती करेंगे। ऐसा करने के लिए दोनों राज्यों की सरकारों ने किसानों को अन्य फसल की बुवाई करने की अपील की है। पंजाब ने चालू खरीफ सीजन में धान बुवाई...
More »उत्तर भारत में कपास का रकबा 15 फीसदी घटने का अनुमान
चालू खरीफ सीजन में अभी तक 7.15 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई मोह भंग - पिछले साल कपास की आवक के समय उत्पादक मंडियों में दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीचे चले गए थे जबकि धान और ग्वार का अच्छा भाव मिला था। इसलिए किसानों की दिलचस्पी धान और ग्वार की खेती में ज्यादा है। राज्यों में बुवाई हरियाणा में कपास की बुवाई 1.50 लाख हैक्टेयर में पंजाब में हुई...
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