रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में श्रम विभाग ने कार्रवाई कर नौ बाल श्रमिकों को मुक्त कराया तथा बच्चों से काम लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। जिले में अब तक 107 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है तथा 36 नियोजकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से काम कराने को पूरी तरह से प्रतिबंधित...
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दुधवा पार्क में प्यास से जूझते जानवर
पलिया कला [खीरी]। मौसम का मिजाज जैसे-जैसे गर्म होता जा रहा है उसी तरह प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूखते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्य दुधवा टाइगर रिजर्व के जल स्त्रोत अभी से सूखने लगे हैं। मई-जून में इन प्राकृतिक जल स्त्रोत के पूरी तरह सूखने की आशंका है। दुधवा की लाइफ लाइन सुहेली नदी भारी सिल्ट के कारण पहले ही उथली हो चुकी है। 886 वर्ग किमी के विशाल क्षेत्र...
More »कब चमकेगी आदिवासियों की किस्मत!
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। भारतीय संविधान ने आदिवासी समुदायों की विशेष आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया और संविधान की इस भावना के अनुकूल हमारे देश में आदिवासी हितों की रक्षा के अनेक कानून भी बनाए गए, लेकिन इसके बावजूद जमीनी स्तर की वास्तविकता यह रही कि आदिवासियों को कई तरह का अन्याय सहना पड़ा। बड़े पैमाने पर वे जमीन से वंचित हुए व उनकी वन-आधारित आजीविका भी अधिकाश स्थानों पर तेजी से कम होती...
More »सरकारी कागजों में स्लम का अकाल
अगर कोई पूछे कि मुंबई महानगर में झोपड़ बस्तियों को हटाने की दिशा में जो काम हो रहा है, उसका क्या असर पड़ा है तो इस सवाल का एक जवाब ये भी हो सकता है- आने वाले दिनों में झोपड़ बस्तियों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई महानगर का कानून है कि जो बस्ती लोगों के रहने लायक नहीं है, उसे स्लम घोषित किया जाए और वहां बस्ती सुधार की योजनाओं...
More »पुरखों की जमीन दी, बदले में क्या मिला.. !!
राउरकेला स्टील प्लांट की स्थापना के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू और जयपाल सिंह मुण्डा आए थे और गांव वालों को समझा बुझा कर विकास के नाम पर जमीन ले लिया था. आज पचास सालों के बाद विस्थापितों के हालात भिखमंगों की तरह हो गई है. उन्ही विस्थापितों में से एक हैं लुसिया तिर्की जो मंदिरा डैम से उजाड़ दी गई. उनका कहना है कि जमीन का कागज अभी तक...
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