अनेक विद्वानों का मानना है कि महात्मा गांधी को समझना आसान भी है और मुश्किल भी. दरअसल, गांधी की बातें सरल और सहज लगती हैं, लेकिन उनका अनुसरण करना बेहद कठिन होता है. हम सभी जानते हैं कि महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे. वह एक सफल लेखक भी थे. आप उनकी सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 2 अक्तूबर, 1869 में...
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समता के पक्षधर दीनदयाल जी- रविभूषण
आज दीनदयाल उपाध्याय (25 सितंबर, 1916- 11 फरवरी, 1968) जन्मशती वर्ष का समापन दिवस है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारकों-चिंतकों में उनका स्थान सर्वप्रमुख है. 1937 में संघ में वे शामिल हुए थे. बाद में संयुक्त प्रचारक बने. 1952 में वे भारतीय जनसंघ में आये. एमएस गोलवलकर ने उन्हें 'सौ प्रतिशत स्वयंसेवक' कहा था. नरेंद्र मोदी ने उनके द्वारा 'खून से दल के सींचने' की बात कही है. 1967...
More »वीआइपी कल्चर और पुलिस -- विभूति नारायण राय
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) ने अपने हालिया आंकड़ों में बताया है कि वर्तमान में हमारे देश में कुल 19.26 लाख पुलिसकर्मी हैं, जिनमें से 56,944 पुलिसकर्मियों को देशभर के कुल 20,828 वीआइपी व्यक्तियों की सुरक्षा में लगाया गया है और शेष पुलिसकर्मी देश के आम नागरिकों की सुरक्षा में तैनात हैं. इस आंकड़े के विस्तार में जाकर बीपीआरडी ने पाया कि जहां 663 आम नागरिकों की...
More »आदिवासी स्त्रियों का शोषण रोकने सुरक्षा कवच जरूरी - रमेश नैयर
ढाई-तीन दशक से मनुष्यों का आखेट क्षेत्र बने हुए बस्तर के अनेक अप्रिय सच सामने आने लगे हैं। बस्तर की वे अल्हड़ युवतियां, जो घने जंगल में मुक्त विचरण करते हुए शेर और भेड़िये से भी नहीं डरा करती थीं, अब दो पैरों वाले नृशंस पशुओं की छाया से भी थरथराने लगी हैं। कटु सत्य यह है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। बालिका छात्रावासों में शिक्षकों और अन्य...
More »गौरी लंकेश की हत्या किसने की?-- योगेन्द्र यादव
जबसे उनकी कायराना हत्या की खबर आयी, तबसे बार-बार यह सवाल पूछ रहा हूं. किसी मौत पर हमारी प्रातिक्रिया इस पर निर्भर करती है कि हम मृतक से कितना नजदीकी महसूस करते हैं. यह जरूरी नहीं कि हम मृतक को जानते हों. जिस सड़क से हम रोज गुजरते हैं, जिस ट्रेन से हम रोज सफर करते हैं, उस पर होनेवाले हादसे हमें गहराई से छूते हैं. 'इसकी जगह मैं हो...
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