हमारे देश की नींव दो लोगों के कंधे पर खड़ी है, इनमें प्रथम जवान हैं दूसरे किसान हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान, जय किसान। वर्तमान सरकार के पिछले 18 महीने के कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र को बहुत ही बेरहमी से कुचला गया है। कृषि भारतीय अर्थव्यस्था की रीढ़ है। न केवल जीडीपी में इसका 16 प्रतिशत का योगदान है, बल्कि लगभग 50...
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धान बोनस नहीं मिलने से बन रहा सरकार के खिलाफ माहौल : बैस
रायपुर। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से छत्तीसगढ़ के आठ सांसदों ने बुधवार को उनके सरकारी निवास में मुलाकात की। रायपुर सांसद रमेश बैस ने उनसे कहा कि सरकार ने किसानों से धान का बोनस देने का वायदा किया था, लेकिन केंद्र सरकार के निर्देश की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा। इससे सरकार के खिलाफ माहौल बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राशन...
More »दामों में कमी: ढीले पड़ने लगे दाल के तेवर
नई दिल्ली। दाल के जमाखोरों के खिलाफ सरकार की सख्ती का असर दिखने लगा है। थोक बाजार में इसके तेवर ढीले पड़ने लगे हैं। आसमान छूती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार की सलाह पर राज्य सरकारों की ओर से छापेमारी के चलते बाजार में दालों की आपूर्ति बढ़ी है। साथ ही आम लोगों को राहत देने के लिए अपनी तरफ से राज्यों की पहल ने भी महंगी...
More »सबके लिए पैसा है, पर किसानों के लिए नहीं - देविंदर शर्मा
मानसून खत्म हो चुका है। 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है और देश में फसल वाले ऐसे करीब 39 फीसद इलाके हैं, जहां बिलकुल सूखा है। उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन किसानों के लिए वित्तीय लाभों और ऋण भुगतानों में छूट की श्रंखला की घोषणा करेंगे। इसकी जगह रघुराम राजन ने पिछले हफ्ते व्यावसायिक बैंकों के उधार देने की ब्याज दरों में काफी कटौती करने वाली...
More »दाल उत्पादन बढ़ाने की जरूरत-- रमेश दूबे
महंगे प्याज ने पहले ही किचन का जायका बिगाड़ के रखा है और अब दाल की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं. दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के सरकार ने स्टॉक लिमिट, जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, दालों के वायदा कारोबार का निलंबन जैसे उपाय किये हैं, लेकिन ये कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. सरकार भले ही थोक मुद्रास्फीति के माइनस 4.95 के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचने का ढिंढोरा...
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