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पग-पग बीहड़ और अंख-अंख पानी - पंकज चतुर्वेदी

चंबल, मध्य प्रदेश के भिंड और मुरैना जिले में ऐसे 948 गांव हैं, जहां का सामाजिक व आर्थिक ताना-बाना जमीन में पड़ती गहरी दरारों के कारण पूरी तरह से बिखर चुका है। यहां की जमीन का रिकॉर्ड रखना सरकार के बस में नहीं है, क्योंकि पता नहीं कौन-सी सुबह किसका घर, खेत या सड़क बीहड़ की भेंट चढ़ जाए। लगभग 16.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले चंबल संभाग का कोई 20...

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नरेगा : प्रधानमंत्री के नाम गणमान्य नागरिकों की चिट्ठी

सेवा में,                                                                                                                            13 अक्तूबर 2014 श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री, भारत ...

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'बाल-मजदूरी के खात्मे तक करूंगा संघर्ष'- कैलाश सत्यार्थी

नई दिल्‍ली। शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे 'बचपन बचाओ आंदोलन' के संस्‍थापक कैलाश सत्‍यार्थी को वर्ष 2014 का शांति के लिए नोबेल पुरस्‍कार मिलने की उनके स्‍टाफ ने जानकारी दी, तो पहले उन्‍हें विश्‍वास ही नहीं हुआ। फिर अचानक उनके मुंह से निकला, ‘नोबेल पुरस्‍कार'। ये वो पल थे, जब उनकी अांखें पहली बार नम देखी गईं। इससे पहले उनके स्‍टाफ या परिवार के लोगों ने उन्‍हें इतना भावुक नहीं...

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प्रतीकों की राजनीति- प्रमोद मीणा

जनसत्ता 4 अक्तूबर, 2014: गांधीजी के जन्मदिन दो अक्तूबर से देश भर में स्वच्छ भारत अभियान का आगाज करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतीकों की राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। सरदार पटेल और कृष्ण का सफल प्रतीकात्मक चुनावी दोहन करने के बाद उनकी नजरें अब गांधी और झाड़ू को एक साथ साधने पर हैं। गांधी के नाम को हर चुनाव में भुनाती आई कांग्रेस दो अक्तूबर को एक रस्मी समारोह...

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सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार

जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...

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