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रीयल एस्टेट क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: रिपोर्ट

नयी दिल्ली। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रीयल एस्टेट का योगदान 2013 में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है और इस क्षेत्र में 76 लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है। संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली वैश्विक कंपनी सीबीआरई ने कहा, ‘‘भारतीय रीयल एस्टेट तथा निर्माण उद्योग अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है और देश के बुनियादी ढांचा के विकास में इसकी अहम भूमिका है। यह आर्थिक गतिविधियों...

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सरकार ने किया 'चमत्कार', अब 28 रुपये कमाने वाले गरीब नहीं

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कमरतोड़ महंगाई को थामने में नाकाम रही सरकार ने चुनावी साल में 17 करोड़ गरीब कम करने का चमत्कार कर दिखाया है। ऐसा गरीबों की आमदनी का जरिया बढ़ाकर नहीं बल्कि आमदनी के आंकड़े में हेरफेर कर किया गया है। उनकी आय महज एक रुपये बढ़ाकर एक झटके में 15 फीसद गरीब कम कर दिए गए। पिछले कई सालों से महंगाई भले ही चरम पर हो,...

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देश में गरीबी का अनुपात घटकर 21.9 प्रतिशत पर आया: योजना आयोग

नयी दिल्ली। प्रति व्यक्ति खपत के आधार पर देश की आबादी में गरीबों का अनुपात 2011-12 में घटकर 21.9 प्रतिशत पर आ गया। यह 2004-05 में 37.2 प्रतिशत पर था। योजना आयोग ने एक प्रकार से अपने पूर्व के विवादास्पद गरीबी गणना के तरीके के आधार पर ही यह आंकड़ा निकाला है। योजना आयोग के अनुसार, तेंदुलकर फार्मूला के तहत 2011-12 में ग्रामीण इलाकों में 816 रच्च्पये रच्च्पये प्रति व्यक्ति...

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गांवों से ज्यादा शहरों में गरीबों को खाद्य सुरक्षा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को लागू करने के लिए खाद्य मंत्रालय को योजना आयोग से मिले आंकड़ों में हरियाणा, दिल्ली, पुडूचेरी, दमन-दीव और चंडीगढ़ में गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा गरीब लोग रहते हैं। ऐसे में इन राज्यों में अत्यंत सस्ती दरों पर होने वाले आवंटन में लाभार्थियों का प्रतिशत गांव के मुकाबले शहर में ज्यादा होगा। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के माध्यम से देश की 81.39...

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भुखमरी के जनतंत्र में खाद्य-सुरक्षा- अश्विनी कुमार

खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने पर महीनों की दुविधा के बाद यूपीए सरकार ने आखिर अध्यादेश का रास्ता चुना. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इसे लाइफ सेवर (जीवन रक्षक) व लाइफ चेंजर (जीवन बदलनेवाला) करार दिया, जबकि विपक्षी पार्टियों और नीतिगत विश्लेषकों ने इसे लागू करने के तरीके पर आपत्ति जाहिर की. यह ऐतिहासिक फैसला देश के करीब 67 फीसदी लोगों को सस्ते अनाज पाने का कानूनी हक मुहैया करायेगा. इस...

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