देश में जहां कहीं भी किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उससे यह बात साफ हो जाती है कि आखिर कब तक किसान चुप रहेंगे और कब तक बर्दाश्त करते रहेंगे. यह एक बड़ी सच्चाई है कि पिछले 40-50 साल से किसानों के साथ अत्याचार यह हो रहा है कि एक डिजाइन के तहत उनको कमजोर करके रखा जा रहा है. बस, बीच-बीच में कभी-कभार उनकी मदद...
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नरेंद्र मोदी सरकार लाएगी नई योजना, महिलाएं चलवाएंगी मिनी-बस
भारत के ग्रामीण इलाके में यातायात की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने महिला स्वयंसेवी समूहों (एसएचजी) की मदद लेने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना का शुभारम्भ किया जाएगा जिसमें महिलाओं की अहम भूमिका होगी। भारत के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया कि ये योजना पहले देश के 250 ब्लॉक...
More »मंदी के दौर में गोरक्षा-- तवलीन सिंह
जब अर्थव्यवस्था में मंदी के आसार दिखने लगे हैं और वित्तमंत्री गौमाता की बातें करते हैं अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में तो साफ जाहिर है कि हिंदुत्व सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है वर्तमान भारत में। हर हफ्ते सोचती हूं किसी दूसरे विषय पर लिखने का, लेकिन कुछ न कुछ ऐसा हो जाता है कि मजबूर होकर हिंदुत्व पर ही अटकी रहती हूं। इस बार तब रहा न गया, जब राजस्थान...
More »शिक्षा की परीक्षा-- जगमोहन सिंह राजपूत
देश की शिक्षा व्यवस्था की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों की साख लगातार गिरती जा रही है। जिस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही हैं वे बेहद चौंकाने वाली हैं। बिहार में 12वीं की परीक्षा में करीब 65 फीसदी विद्यार्थी फेल हो गये। क्यों फेल हो गए, क्योंकि वहां योग्य शिक्षकों का घोर अकाल हो गया है। संविदा शिक्षकों की...
More »कमजोर जड़ों पर मजबूत नहीं होगी शिक्षा -- डा. रुक्मिणी बनर्जी
हर वर्ष असर की रिपोर्ट के माध्यम से हम देश में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की बुनियादी दक्षताओं का आंकलन करते हैं. असर की रिपोर्ट को देखेंगे, तो उससे स्पष्ट है कि हमारी जड़ें ही कमजोर हैं. देखा गया है कि बच्चे आठवीं कक्षा तक पहुंच जाते हैं, लेकिन उन्हें बुनियादी ज्ञान नहीं होता. जाहिर है कि कमजोर नींव पर खड़ी गयी इमारत कमजोर होगी. हर साल...
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