SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 5902

नेता, नायक या एक सियासी प्रतीक? - गोपालकृष्‍ण गांधी

हम एक व्यक्तिपूजक देश हैं। धर्म, राजनीति, कला, हर क्षेत्र में हमने अपने-अपने व्यक्ति-रूपक रच डाले हैं। हम हमेशा खुद को विराट छवियों से घिरे रखना पसंद करते हैं। हमारे कैलेंडर पर लाल स्याही से अंकित वे तारीखें सभी का ध्यान खींचती हैं, जिन पर पर्व-त्योहार या किसी महापुरुष की जयंती या पुण्यतिथि अंकित होते हैं। ऐसा लगता है जैसे हमारे पास इसके लिए समय और संसाधनों की कोई कमी...

More »

गौण खनिज : आईबीएन से मंजूर माइनिंग प्लान को ही मान्यता

रायपुर। भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएन) नागपुर से अनुमोदित माइनिंग प्लान को राज्य स्तरीय अधिकारियों से पुनः सहमति कराने की अनिवार्यता नहीं होगी। राज्य सरकार ने एक प्रकरण में भारतीय खान ब्यूरो से अनुमोदित माइनिंग प्लान को छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम के तहत मान्यता (इंडोर्समेंट) दे दी है। खनिज साधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 के अंतर्गत विभिन्न 31 गौण खनिजों को शामिल किया गया है। इन...

More »

कल-कारखाने सुस्त, मगर बढ़ी महंगाई

नई दिल्ली। केंद्र सरकार भले ही बार-बार विकास दर के साढ़े सात फीसद से ऊपर रहने का दावा कर रही हो, मगर अर्थव्यवस्था के तमाम मोर्चों से इसके पक्ष में कोई ठोस संकेत नहीं मिल रहे हैं। सरकार की तरफ से गुरुवार को जारी औद्योगिक उत्पादन और महंगाई के आंकड़ों से साफ है कि अर्थव्यवस्था में सुधार की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस साल अक्टूबर में खुदरा महंगाई की...

More »

झाबुआ, आलीराजपुर और बड़वानी सहित 27 जिले अब प्राइवेट डॉक्टरों के हवाले

इंदौर। मध्‍यप्रदेश के 27 जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में सरकार फेल हो गई है। सरकारी सिस्टम ने हाथ टेक दिए हैं। अब पूरा जिम्मा एक एनजीओ को थमा दिया है। इन 27 जिलों में संभाग के झाबुआ, बड़वानी और आलीराजपुर भी शामिल हैं। यही नहीं यहां काम करने वाले डॉक्टरों को सरकारी डॉक्टरों के मुकाबले लगभग दोगुनी तनख्वाह भी मिलेगी। हाल ही में प्रदेश सरकार और एनजीओ के बीच...

More »

अन्न की बर्बादी और भूख-- रविशंकर

हर साल देश में करीब पचास हजार करोड़ रुपए का अनाज बर्बाद हो जाता है। एक ऐसे देश में जहां करोड़ों की आबादी को दो जून ठीक से खाना नहीं नसीब होता, वहां इतनी मात्रा में अनाजों की बर्बादी किस तरह की कहानी कहती है? इसकी पड़ताल कर रहे हैं रविशंकर। यह विडंबना नहीं, उसकी पराकाष्ठा है कि सरकार किसानों से खरीदे गए अनाज को खुले में छोड़कर अपना कर्तव्य पूरा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close